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गड़चिरोली के 70 % गांवों में नहीं है इंटरनेट, ऑनलाइन कामकाज प्रभावित
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। राज्य के ग्राम पंचायतों का कामकाज ऑनलाइन किया गया है। मात्र राज्य के आखिरी छोर पर बसे गड़चिरोली जिले के करीबन 70 फीसदी ग्राम पंचायतों में इंटरनेट सुविधा नहीं है, जिससे ग्राम पंचायतों का ऑनलाइन कामकाज प्रभावित होकर ग्रापं के कम्प्यूटर धूल खा रहे हैं।
बता दें कि आदिवासी बहुल, नक्सलग्रस्त, अविकसित जिले के रूप में पहचाने जानेवाले गड़चिरोली जिले में 467 ग्राम पंचायत हैं। इसमें ने 361 ग्राम पंचायतों में इंटरनेट सुविधा का अभाव है। इसके अलावा जिले के 173 में संग्राम कक्ष में कम्प्यूटर की सुविधा नहीं है। 96 ग्राम पंचायतों में संग्राम कक्ष को वितरित किये गये कम्प्यूटर बंद पड़े है। साथ ही जिले के 60 ग्राम पंचायतों में बिजली की सुविधा ही नहीं है। यह सभी स्थिति ध्यान में लेने पर ऑनलाइन सेवा विफल साबित हो रही है। इंटरनेट सुविधा न होनेवाले ग्राम पंचायतों में गड़चिरोली तहसील के 45, कुरखेड़ा तहसील के 41, आरमोरी तहसील के 29, मुलचेरा तहसील के 13, चामोर्शी तहसील के 64, एटापल्ली तहसील के 30 कोरची 25, धानोरा 47, सिरोंचा 37, भामरागड़ 15 और अहेरी तहसील के 35 ग्राम पंचायतों का समावेश है। वहीं बिजली सेवा से वंचित ग्राम पंचायतों में कुरखेड़ा तहसील के 4, मुलचेरा तहसील के 2, एटापल्ली तहसील के 13, कोरची तहसील के 7, धानोरा तहसील के 23, सिरोंचा तहसील के 5, भामरागड़ 1 और अहेरी तहसील के 5 ग्राम पंचायतों का समावेश है।
सरकार के निर्देशानुसार ग्राम पंचायतों का कामकाज ऑनलाईन करना आवश्यक है। मात्र जिले में तकरीबन 70 फीसदी ग्राम पंचायतों में इंटरनेट सुविधा ही नहीं है। ऐसे ग्राम पंचायतों के ग्रामसेवकों को इंटरनेट कैफे अथवा जिस जगह पर इंटरनेट सुविधा है, ऐसे ग्राम पंचायतों में जाकर कामकाज करना पड़ रहा है। ग्राम पंचायत स्तर पर ग्रामसेवा केंद्र से जन्म पंजियन प्रमाणपत्र, बेरोजगार प्रमाणपत्र, गरीबी रेखा का प्रमाणपत्र, निवासी प्रमाणपत्र समेत विभिन्न प्रकार के प्रमाणपत्र देने का उपक्रम राज्य सरकार द्वारा शुरू किया गया है। मात्र गड़चिरोली जिले में इंटरनेट सुविधा का अभाव होने के कारण सरकार की ऑनलाइन प्रमाणपत्र देने की सुविधा गड़चिरोली जिले में विफल साबित हो रही है। वहीं दूसरी ओर ग्राम पंचायत स्तर पर कम्प्यूटर परिचालक के रूप में काम कर रहें कम्प्यूटर चालकों को अनेक महीनों से वेतन नहीं मिलने से अब उनके द्वारा भी कार्यों में अनाकनी की जा रहीं है। जिसके चलते किसान, छात्र तथा नागरिकों को प्रमाणपत्र के लिये भटकना पड़ रहा है। जिले को विकास की मुख्य धारा में जोडऩे के लिये इंटरनेट की सुविधा ग्रापं में जोड़ने की मांग की गयी है।
Created On :   22 July 2019 3:38 PM IST