प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा के मामले में उपलब्धिकारक साबित हुआ वर्ष

From primary to higher education proved to be an achievement year
प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा के मामले में उपलब्धिकारक साबित हुआ वर्ष
शहडोल प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा के मामले में उपलब्धिकारक साबित हुआ वर्ष

डिजिटल डेस्क,शहडोल। शिक्षा की दृष्टि से बीत रहा साल कई मायनों में उपलब्धिकारक रहा। सीएम  राइज स्कूल के रूप में जहां प्रायमरी से लेकर प्राथमिक शिक्षा में नई क्रांति की शुरुआत हुई तो उच्च शिक्षा के मामले में एमओयू ने नए-नए अनुसंधान के रास्ते खोल दिए हैं। मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज और यूनिसर्विटी की सौगात के साथ जिले में पहले से ही सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं। इसे आगे बढ़ाने के लिए पंडित शंभूनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय द्वारा जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक तथा मेडिकल कॉलेज के साथ किए एमओयू ने प्रतिभाओं को आगे लाने का काम इसी वर्ष किया है। फिर भी आगामी वर्ष में शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कुछ प्रयास की जरूरत है। इनमें शहर में एक महाविद्यालय तथा कृषि महाविद्यालय की जरूरत महसूस की जा रही है।

प्राथमिक शिक्षा में हुए कार्य

प्राथमिक शिक्षा को लेकर सर्वसुविधायुक्त सीएम राइज स्कूल तथा एकलव्य आवासीय विद्यालय इस वर्ष की खास उपलब्धियों में शामिल हैं। विषयवार शिक्षकों की पूर्णता के साथ बेहतर परिसर एवं आवागमन की सुविधा के साथ जिले में दो सीएम राइज स्कूल संचालित हुए। वहीं कंचनपुर परिसर में निर्मित एकलव्य आवासीय विद्यालय का संचालन इस वर्ष से शुरु हुआ। ट्रायबल विभाग के एसी आनंद राय सिन्हा के अनुसार प्रत्येक ब्लाक में सीएम राइज स्कूल संचालित होने हैं। इसके अलावा एकलव्य आवासीय विद्यालय तथा ज्ञानोदय स्कूल प्राथमिक व हाई व हायर सेकेंडरी तक की शिक्षा में बेहतर काम कर रहे हैं। हर स्तर पर रिजल्ट सुधारने की दिशा में  अलग से कोर कमेटी बनाई गई है। योग्यता व रुचि के अनुसार स्किल डेवलपमेंट को लेकर भी काम किया जा रहा है। स्कूल भवनों की सुधार की दिशा में भी बेहतर काम हुए।

उच्च शिक्षा के मामले में प्रयास

उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों के लिए इस वर्ष नए अनुसंधान का रास्ता खुला है। शासकीय मेडिकल कॉलेज तथा पंडित शंभूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय एवं अमरकंटक स्थित जनजातीय विश्वविद्यालय के साथ हुए एमओयू के बाद अनुसंधान शुरु हुए हैं। शुक्ला विश्वविद्यालय व मेडिकल छात्रों द्वारा एनीमिया व थैलीसीमिया के बारे में रिसर्च प्रारंभ भी कर दिया गया है। वहीं अमरकंटक विश्वविद्यालय के साथ आदिवासियों के उत्थान व पर्यावरण को लेकर नई खोजें की जा रही हैं।

अब इन कामों की है आवश्यकता

यूनिसर्विटी बन जाने के बाद अब जिला मुख्यालय में शासकीय महाविद्यालय की जरूरत महसूस हो रही है। समाजसेवी चंद्रेश द्विवेदी कहते हैं कि यह मांग मुख्यमंत्री के संज्ञान में है, आशा है कि अगले वर्ष तक शुरु हो जाएगा। इसके अलावा कृषि महाविद्यालय की मांग भी इस वर्ष होने की अनुमान लगाया जा रहा है। निजी तौर पर नर्सिंग कॉलेज तो हैं लेकिन शासकीय नॢसंग कॉलेज और बीएड कॉलेज शुरु हो जाए तो जिला एजुकेशन हब की ओर अग्रसर हो सकेगा। एसी सिन्हा के अनुसार अगले वर्ष तीन और सीएम राइज स्कूल संचालित हो सकते हैं।
 

Created On :   29 Dec 2022 7:34 PM IST

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