जिला अस्पताल समेत 47 अस्पतालों में 11 घंटे चली फायर 

Fire lasted 11 hours in 47 hospitals including district hospital
जिला अस्पताल समेत 47 अस्पतालों में 11 घंटे चली फायर 
सेफ्टी की जांच 45 में नहीं मिले अग्नि से सुरक्षा के इंतजाम  जिला अस्पताल समेत 47 अस्पतालों में 11 घंटे चली फायर 

डिजिटल डेस्क,सतना। जिला अस्पताल समेत जिला मुख्यालय में संचालित 47 निजी अस्पतालों में बुधवार को नगर निगम की फायर सेफ्टी टीम ने अग्नि से सुरक्षा के प्रबंधों की पड़ताल की। नगर निगम के कमिश्नर राजेश शाही के निर्देश पर कराए गए स्थल निरीक्षण में एक बार फिर से महज 2 निजी नर्सिंग होम्स में सुरक्षा के संतोषजनक उपाय पाए गए जबकि 45 अन्य में फायर सेफ्टी के सवाल पर भगवान ही मालिक है। नगर निगम के फायर सेफ्टी आफीसर आरपी सिंह परमार के नेतृत्व में बनाई गई जांच टीम में फायर मैन अनूप वर्मा, अनूप तिवारी, राहुल विश्वकर्मा और संदीप विश्वकर्मा भी शामिल थे। पड़ताल सुबह 10 बजे से शुरु हुई और रात 9 बजे तक चली।  

सभी से जवाब तलब-

बताया गया है कि जिला अस्पताल समेत सभी 45 निजी अस्पतालों में सुरक्षा के उपाय नहीं पाए जाने और किसी के पास भी नगर निगम की फायर एनओसी नहीं मिलने पर फायर अधीक्षक आरपी सिंह परमार ने कारण बताओ नोटिस देकर 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा है। नोटिस में दो टूक चेतावनी दी गई है कि उत्तर समाधान कारक नहीं पाए जाने पर सभी संबंधितों के विरुद्ध नियमों के तहत कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी। इस संबंध में राज्य शासन को रिपोर्ट भेज कर वस्तु स्थिति से अवगत करा दिया जाएगा। 

सीएमएचओ को भी लिखेंगे पत्र-

नगर निगम के फायर आफीसर की ओर से काटे गए नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि अग्नि से सुरक्षा से संबंधित उपाय नहीं करने और इस संबंध में नगर निगम की एनओसी नहीं हासिल करने वाले नर्सिंग होम्स या प्रायवेट हास्पिटल के लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन रद्द करने के संबंध में भी जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) को पत्र लिखे जाएंगे। 

सिर्फ 7 के पास हैं अर्जियां-

उल्लेखनीय है, हाल ही में इसी सिलसिले में सीएमएचओ डा.एके अवधिया की ओर से बुलाई गई निजी अस्पताल संचालकों की बैठक में 47 में से 45 के पास फायर एनओसी नहीं थीं। इनमें से 7 संचालकों का महज एक ही रोना था कि उन्होंने फायर एनओसी के लिए आवेदन तो किए हैं लेकिन उनके पास नगर निगम और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की बिल्डिंग परमीशन नहीं है, और इसी वजह से फायर एनओसी नहीं मिल पा रही है। उल्लेखनीय है, ज्यादातर निजी अस्पताल और नर्सिंग होम आवासीय, शैक्षणिक या फिर क्लीनिक की भवन अनुमतियों पर चल रहे हैं।  

इनका कहना है- 

निगमायुक्त के निर्देश पर सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में फायर सेफ्टीकी जांच की गई है। जांच के तथ्यों के आधार पर सभी संबंधितों को नोटिस देकर एक दिन के अंदर जवाब मांगे गए हैं। समाधान कारक जवाब नहीं मिलने पर नियमों के तहत कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी। 
आरपी सिंह परमार, फायर ऑफिसर
 

Created On :   4 Aug 2022 3:39 PM IST

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