मक्का किसानों के लिए फालआर्मी वर्म मुसीबत बनी, सिर्फ 7 फीसदी को मिली दवा

Fall armyworm trouble maize farmers, only 7% medicine available
मक्का किसानों के लिए फालआर्मी वर्म मुसीबत बनी, सिर्फ 7 फीसदी को मिली दवा
मक्का किसानों के लिए फालआर्मी वर्म मुसीबत बनी, सिर्फ 7 फीसदी को मिली दवा

डिजिटल डेस्क,छिंदवाड़ा। मक्का उत्पादन किसानों के लिए फालआर्मी वर्म मुसीबत का सबब बन गया है। किसानों की मांग पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 50 फीसदी अनुदान पर दवा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। महज सात दिन में लगभग एक करोड़ 60 लाख रुपए की 50 क्विंटल कीटनाशक बंट गया। इस कीटनाशक से महज 20 हजार हेक्टेयर रकबे में छिड़काव किया जा सकता है। जिले में मक्का का रकबा लगभग 2 लाख 75 हेक्टेयर है यानी महज 7 फीसदी रकबे के लिए अभी तक दवा उपलब्ध हो पाई है। इस मामले को लेकर कृषि अधिकारियों ने  जिले के प्रभारी सचिव मनोज गोविल के समक्ष रखी।

हर विकासखंड से फसल में फाल आर्मी वर्म

मक्का की बोवनी के बाद से जिले के हर विकासखंड से फसल में फाल आर्मी वर्म के प्रकोप की सूचना मिलने लगी। कीट का प्रकोप इतना घातक है कि महज पांच सात दिन में फसल चौपट हो जाती है। किसानों की मांग पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तत्काल  पहल करते हुए महज 24 घंटे में किसानों को 50 फीसदी अनुदान अनुदान पर 50 क्विंटल से अधिक कीटनाशक उपलब्ध करा दिया। विकासखंड मुख्यालयों में दवा के लिए किसानों की भीड़ इस कदर उमड़ी कि पांच दिन में ही स्टाक खत्म हो गया। कृषि विभाग के सूत्रों के अनुसार जिले में पौध संरक्षण दवा के वितरण के लिए 62 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। मक्का फसल में फाल आर्मी वर्म का प्रकोप जिस तेजी से बढ़ रहा है उसके हिसाब से जिले के लिए अतिरिक्त लक्ष्य की आवश्यकता है। कृषि विभाग ने कलेक्टर के माध्यम से राज्य सरकार को मांग पत्र भेजा है।

किसान अब बाजार के सहारे

प्रशासनिक स्तर पर उपलब्ध दवा का स्टाक खत्म होते ही किसान अब बाजार में उपलब्ध कीटनाशक दवाओं पर आश्रित हो गए हैं। बाजार में कीट नियंत्रण के लिए इमामेक्टिन बेंजोएट 5 प्रतिशत, लेम्डासायलोथ्रिन 9.5 प्रतिशत व थाइमेथोक्सम 12.6 प्रतिशत, स्पिनोसेड 45 प्रतिशत सहित अन्य मिश्रण उपलब्ध है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि किसान पहले चरण में जिस कीटनाशक का छिड़काव कर रहे हैं दूसरे चरण में उसी कीटनाशक का छिड़काव न करें। 

मिल सकता है अनुदान

सरकार पौध संरक्षण दवा अनुदान योजना के तहत किसानों को महज दो हेक्टेयर के लिए 1 हजार रुपए अनुदान का लाभ मिल सकता है। जिन किसानों ने इस योजना के तहत कीटनाशक नहीं लिया है वे लाइसेंस धारक कीटनाशक विक्रेताओं से दवा खरीदने के बाद पक्का बिल ले सकते हैं। जिले में अनुदान का लक्ष्य बढऩे पर किसानों को दवा अनुदान का लाभ मिल सकता है।

इनका कहना है

मक्का की फसल बचाने के लिए बाजार में भी दवाएं उपलब्ध हो गई हैं। किसान वैज्ञानिकों की सलाह पर ही दवाएं खरीदें। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार एक दो दिन में अच्छी बारिश के आसार हैं। बारिश हुई तो कीटों का प्रकोप कुछ हद तक कम हो जाएगा। 
-जेआर हेडाऊ, डीडीए छिंदवाड़ा  
 

Created On :   17 July 2019 1:23 PM IST

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