स्टेशनरी आइटम हुए महंगे, आर्थिक दिक्कत में अभिभावक

Educational material became expensive, parents in financial trouble
स्टेशनरी आइटम हुए महंगे, आर्थिक दिक्कत में अभिभावक
महंगाई स्टेशनरी आइटम हुए महंगे, आर्थिक दिक्कत में अभिभावक

डिजिटल डेस्क, खामगांव। पहले से ही बढ़ी हुई महंगाई के कारण घर खर्च बढ़ गए हैं। उसी में अब बच्चों की शिक्षा का खर्च भी बढ़ने के कारण अभिभावक आर्थिक दिक्कत में आए हैं। पेपर, प्लास्टिक महंगा हुआ। उसी तरह पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़ने के कारण ट्रान्सपोर्ट का खर्च बढ़ने से उसका परिणाम शैक्षिक सामग्री पर हुआ हैं। शैक्षिक सामग्री महंगी होने से अभिभावकों के खर्च में बढ़ोतरी हुई हैं। विगत दो साल के बाद बुक, किताब, पेन समेत आदि शैक्षिक साहित्य के दामों के तुलना की तो इस साल दाम बढ़ गए हैं। उसी तरह जीएसटी भी बढ़ गया हैं। स्टेशनरी पर उसका परिणाम हुआ हैं। जिस कारण इस साल शैक्षिक साहित्य खरीदी करते अभिभावकों के जेब पर बोज गिर रहा हैं। स्टेशनरी पर १२ जीएसटी १८ प्रतिशत गया हैं। उसका परिणाम साहित्य महंगा हुआ हैं। विगत साल लोकल कंपनी की १०० पेजेस की बुक ९ से १० रूपए को मिलती थी। वह इस साल १५ से १६ रूपए में मिल रही हैं। उसी तरह आदि कंपनी की बुक यह १४ से १५  रूपयों की थी, उसके लिए इस साल २०  से २१ रूपए देने पड़ रहे हैं। उसी तरह २०० पेजेस की बुक यह विगत साल लोकल कंपनी की १६ से १७ रूपए में मिलती थी, तो इस साल वहीं बुक ३० से ३५ रूपए में मिल रही हैं। उसके सिवाए स्कुल ड्रेस, बुट समेत आदि साहित्य के दाम भी बढ़ गए हैं। करिबन सभी शैक्षिक साहित्य महंगा हुआ हैं। जिस कारण अभिभावकों के खर्च में भी बढ़ोतरी हुई हैं।

दो साल में शैक्षिक साहित्य विक्रेताओं का लाखों का नुकसान

विगत दो सालों से कोरोना कारण स्कुल ऑनलाइन लिए गए। कुछ छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा से वंचित रहना पड़ा। जिस कारण कईयों ने शैक्षिक साहित्य भी खरीदी किया नहीं। उसका परिणाम शैक्षिक साहित्य बिक्रेताओं पर हुआ। जिस कारण लाखों रूपयों का नुकसान हुआ। इस साल तो भी व्यवसाय होगा, ऐसी उन्हें उम्मीद हैं। लेकिन शैक्षिक साहित्य के दाम बढ़ाने से खर्च में भी बढ़ोतरी हुई हैं।

व्यवसाय अच्छा होने की उम्मीद

संतोष शिवरकर, शैक्षिक साहित्य विक्रेता के मुताबिक यातायात खर्च और जीएसटी के दरें बढ़ने के कारण शैक्षिक साहित्यों की दरों में वृद्धि आई हैं। वहीं पिछले २ साल कोरोना काल के कारण स्कूल बंद थी। जिससे हमारा व्यापार ठप था। इस वर्ष स्कूल ऑफलाइन शुरू होने से हमे उम्मीद हैं कि, इस वर्ष व्यवसाय अच्छा हो। 

 

Created On :   13 July 2022 7:45 PM IST

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