अनुसूचित जाति के युवाओं कोउच्च शिक्षा तकसार्वभौमिक पहुंच प्रदान करने के लिए एससी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना का पूर्ण पुनरूद्धार!

Complete revival of SC Post Matric Scholarship Scheme to provide universal access to higher education to scheduled caste youth!
अनुसूचित जाति के युवाओं कोउच्च शिक्षा तकसार्वभौमिक पहुंच प्रदान करने के लिए एससी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना का पूर्ण पुनरूद्धार!
अनुसूचित जाति के युवाओं कोउच्च शिक्षा तकसार्वभौमिक पहुंच प्रदान करने के लिए एससी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना का पूर्ण पुनरूद्धार!

डिजिटल डेस्क | सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय अनुसूचित जाति के युवाओं कोउच्च शिक्षा तकसार्वभौमिक पहुंच प्रदान करने के लिए एससी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना का पूर्ण पुनरूद्धार| मौजूदा सरकार में ऐतिहासिक निवेश के साथ अनुसूचित जातियों (एससी) के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति (पीएमएस) योजना के परिव्यय में बढ़ोतरी हुई है। इसकी जानकारी सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रतन लाल कटारिया ने पिछले वित्तीय वर्ष में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना की समीक्षा करते हुए दी। उन्होंने कहा कि पीएमएस-एससी के पुनरूद्धार के लिए रकम आवंटित की गई है।

सरकार ने इसके लिए 4,000 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इनमें सबसे अधिक 892.36 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश के लिए है। इसके बाद महाराष्ट्र को 558 करोड़ रुपये और आंध्र प्रदेश को 450 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। अनुसूचित जाति के युवाओं को उच्च शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करने के लिए एससी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना का पूर्ण पुनरूद्धार किया है।इस योजना के तहत फंडिंग पैटर्न कोकेंद्र और राज्यों के बीच प्रतिबद्ध देयता फॉर्मूला से एक निश्चित शेयरिंग पैटर्न 60:40 (उत्तर पूर्वी राज्यों के लिए 90:10)में बदल दिया गया है। इससे योजना में सरकार की प्रतिबद्धता लगभग चार गुना बढ़ गई है।

इस योजना के लिए केंद्र सरकार ने 2025-26 तक 35,534 करोड़ रुपये जारी करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है और एक अनुमान के मुताबिक इस अवधि के दौरान एससी समुदाय के 4 करोड़ युवा इससे लाभान्वित होंगे।उन्होंने आगे बताया कि इस योजना में केंद्रीय हिस्सेदारी बढ़ाने के अलावा सरकार ने डीबीटी प्रणाली का उपयोग करके छात्रवृत्ति के भुगतान में देरी से बचने के लिए कई प्रक्रियागत सुधार की हैं।

मंत्री ने शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि शिक्षा वह आधारशिला है, जिसपर पर सामाजिक प्रगति का महल बनता है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नेएक बार फिर किसी व्यक्ति के लिएअपनी अधिकतम क्षमता प्राप्त करने में अज्ञानता एवं अंधविश्वास को प्रभावों को दूर करने में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की महत्ता पर जोर दिया है, जिससे उन्हें राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया के लिए उत्पादक परिसंपत्तिमें बदला जा सके।

Created On :   10 April 2021 2:58 PM IST

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