सिंहपुर रेल हादसे के 37 घंटे बाद थर्ड लाइन के नए ट्रैक से चली मालगाड़ी

37 hours after the Singhpur train accident, the goods train ran on the new track of the third line.
सिंहपुर रेल हादसे के 37 घंटे बाद थर्ड लाइन के नए ट्रैक से चली मालगाड़ी
यात्री ट्रेनें नहीं चलने से लोग परेशान सिंहपुर रेल हादसे के 37 घंटे बाद थर्ड लाइन के नए ट्रैक से चली मालगाड़ी

डिजिटल डेस्क,शहडोल। सिंहपुर रेलवे स्टेशन पर बुधवार सुबह भीषण हादसे के 37 घंटे बाद भी यात्री ट्रेनों की आवाजाही बहाल नहीं हुई। यहां गुरुवार देरशाम थर्ड लाइन के बिछाई गए नए ट्रैक को चालू कर ट्रेनों की आवाजाही का प्रयास भी किया गया तो रेल अधिकारियों का पूरा ध्यान मालगाड़ी निकासी पर रहा। इस बीच सिंहपुर हादसे के बाद से लगातार दूसरे दिन भी यात्री ट्रेनें नहीं चलने से आमजन परेशान हुए।

इलाज व दूसरे जरुरी कार्यों से बाहर जाने वाले किराए पर वाहन लेकर ज्यादा पैसे खर्च कर यात्रा करने विवश रहे। इधर, सिंहपुर में रेल हादसे के बाद सुधार कार्य में जुटे रेल अधिकारियों ने दावा किया 21 अप्रैल की शाम तक सिंहपुर से यात्री ट्रेनों की आवाजाही प्रारंभ होने की संभावना है। बतादें कि सिंहपुर रेलवे स्टेशन पर 19 अप्रैल की सुबह 6.45 बजे प्लेटफार्म क्रमांक 3 पर खड़ी मालगाड़ी को लाल सिग्नल तोड़ते हुए पीछे से एक दूसरी मालगाड़ी ने 67 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर ठोकर मार दी। इस हादसे में पहले से खड़ी मालगाड़ी के लोको पायलट राजेश प्रसाद की मौत हो गई और सहायक लोको पायलट ऋतुराज को घायल अवस्था में पहले मेडिकल कॉलेज शहडोल ले जाया गया, वहां से अपोलो बिलासपुर रैफर किया गया। ठोकर मारने वाली मालगाड़ी के पायलट विनोद कुमार व आनंद तिवारी और इसी मालगाड़ी में दूसरी इंजन पर खोंगसरा से बैठे प्रमोद कुमार और संजीव कुमार भी घायल हुए, जिन्हे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज शहडोल में भर्ती किया गया। इस घटना के बाद से राहत और बचाव का कार्य प्रारंभ हुआ जो गुरुवार को भी जारी रहा।

4 इंजन के परखच्चे उड़े, 2 को हटाकर पटरी से किनारे किया

1 इंजन को हटाने के लिए गुरुवार को दिनभर मशक्कत

सिंहपुर रेल हादसे में जी-9 प्रकार के चार इंजन के परखच्चे उड़ गए। इसमें बुधवार को चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन में गुरुवार सुबह तक 2 इंजनों को हटाकर पटरी से किनारे कर दिया गया, लेकिन एक इंजन को हटाने के लिए गुरुवार को दिनभर कोशिशें चलती रही। इस इंजन को उठाने के दौरान वजन नहीं सह पाने के कारण क्रेन ही उठ जा रही थी। सुबह 11 बजे से हटाने की तैयारी चली तो शाम तक इस इंजन को पटरी से नहीं हटाया जा सका। इसके बाद एक दूसरे क्रेन की मदद ली गई और इंजन को काटकर पटरी से हटाने का निर्णय लिया गया। इसे हटाने के बाद चौथे इंजन को हटाने की तैयारी प्रारंभ हुई।

हादसे का असर : ज्यादातर ट्रेनें रद्द, कई परिवर्तित मार्ग से चलीं

सिंहपुर रेल हादसे का असर शहडोल व संभाग के दूसरे स्टेशनों से गुजरने वाली यात्री ट्रेनों पर पड़ा। गुरुवार को ज्यादातर ट्रेनें रद्द रही या फिर परिवर्तित मार्ग से चलीं। रद्द रहने वाली ट्रेनों में 06617-06618 कटनी-चिरिमिरी-कटनी, 11265 जबलपुर-अंबिकापुर, 18233 इंदौर-बिलासपुर, 18247 बिलासपुर-रीवा, 18236 बिलासपुर-भोपाल शामिल रही। इसके अलावा 19 अप्रैल को पुरी से चली ट्रेन नंबर 18477 उत्कल एक्सप्रेस को परिवर्तित मार्ग बिलासपुर-नागपुर-जुहारपुरा-इटारसी-बीना-आगासोद व 20 अप्रैल को विशाखापट्नम से भगत की कोटी के लिए चली ट्रेन नंबर 18573 को परिवर्तित मार्ग लाखोली-रायपुर-नागपुर-इटारसी-बीना- महादेवखेड़ी के रास्ते से चलाई गई। इसी प्रकार 12853 दुर्ग-भोपाल अमरकंटक एक्सप्रेस, 15160 सारनाथ एक्सप्रेस व 18205 दुर्ग-नवतनवा एक्सप्रेस को गोंदिया-कछपुरा-जबलपुर-कटनी के रास्ते आगे के लिए चलाई गई।

ऐसे चला रेस्क्यू आपरेशन

> हादसे की जांच कमिश्नर रेलवे सेफ्टी करेंगे।
> मालगाड़ी के 10 डिब्बे डी-रेल हुई। इसमें चार नंबर पटरी पर 4 और तीन नंबर पटरी पर 6 डिब्बे शामिल हैं। ज्यादातर डिब्बे चकनाचूर हो गए। पटरी पर कोयला भर गया।
> ट्रेनों की आवाजाही बहाल करने और इंजन सहित खराब वैगन को पटरी से हटाने के लिए 3 सौ से ज्यादा श्रमिकों की सेवाएं ली जा
रही है।
> ओएचई के 5 से ज्यादा खंभे क्षतिग्रस्त हुई। खंभे टूटने से तार का जाल फैल गया। मरम्मत के लिए चांपा से टीम बुलाई गई।
> रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एसईसीआर के महाप्रबंधक आलोक कुमार, डीआरएम प्रवीण पांडेय सहित अन्य अधिकारी लगातार काम का जायजा लेते रहे।
> अभियान में लगे मजदूर थकने के बाद सिंहपुर स्टेशन के बाहर ही रात बिताई। कई मजदूर दिन में पेड़ के नीचे छांव में आराम करते दिखे।
> हादसे का परीक्षण करने दिल्ली से सुरक्षा अधिकारी पहुंचे। जोन स्तर के अलग-अलग विभागों के अधिकारियों ने रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया।
 

Created On :   22 April 2023 9:44 AM GMT

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