New Delhi News: मनरेगा के तहत काम करने वाले श्रमिकों की संख्या में भारी गिरावट, रोजगार पाने वालों की संख्या कम

मनरेगा के तहत काम करने वाले श्रमिकों की संख्या में भारी गिरावट, रोजगार पाने वालों की संख्या कम
  • 100 दिन का रोजगार पाने वाले परिवारों की संख्या आधे से कम
  • सृजित श्रम दिवस की संख्या में भी गिरावट दर्ज

New Delhi News. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को लेकर सरकार चाहे जो भी दावा करे, लेकिन हकीकत यही है कि इस योजना के तहत काम करने वाले मजदूरों की संख्या में कमी आई है। योजना के तहत 100 दिन का रोजगार पूरा करने वाले वाले परिवारों की संख्या में साल दर साल कमी दर्ज की गई है। वर्ष 2021-22 में जहां 59.15 लाख परिवारों ने मनरेगा के तहत 100 दिन का रोजगार पूरा किया था, वर्ष 2024-25 में यह संख्या आधे से भी ज्यादा घटकर 21.28 लाख हो गई है। इतना ही नहीं, इस योजना के तहत सृजित श्रम दिवस की संख्या में भी भारी कमी दर्ज की गई है। केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने लोकसभा में चंद्रपुर से कांग्रेस सांसद प्रतिभा धानोरकर के एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। धानोरकर ने यह पूछा था कि क्या केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा महात्मा गांधी नरेगा के तहत दिहाड़ी रोजगार उपलब्ध न होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों से मजदूर पलायन कर रहे हैं।

केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री ने इसका जवाब देते हुए वर्ष 2021-22 से लेकर 2024-25 के आंकड़े पेश किए। नरेगा सॉफ्ट के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में 100 दिन का रोजगार पूरा करने वाले परिवारों की संख्या 59.15 लाख थी, जो वर्ष 2022-23 में घटकर 35.97 लाख हो गई। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 100 दिन का रोजगार पूरा करने वाले परिवारों की संख्या 44.95 लाख थी, लेकिन वर्ष 2024-25 में यह घटकर 21.28 लाख हो गई। पासवान ने आगे बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में 363.19 करोड़ सृजित श्रम दिवस थे, जो 2022-23 में घटकर 293.70 करोड़ हो गए। वित्तीय वर्ष 2023-24 में सृजित श्रम दिवस की संख्या 308.68 करोड़ थी, लेकिन वर्ष 2024-25 में यह घटकर 241.87 करोड़ हो गई।

Created On :   12 Feb 2025 8:25 PM IST

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