नई तकनीक: बिना सुई चुभाए होगी हीमोग्लोबिन की जांच, पूरी तरह मेड इन इंडिया है प्रोडक्ट
- हीमोग्लोबिन की जांच आसान
- जांच के लिए खून निकालने की जरूरत नहीं
- बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग सुविधा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश ने अब ऐसी तकनीक विकसित कर ली गई है, जिसके तहत हीमोग्लोबिन की जांच आसान हो गई है। अब जांच के लिए खून निकालने की जरूरत नहीं हैं। मरीज के शरीर में बिना कोई चीरा या सुई लगाकर हीमोग्लोबिन की जांच की जाती है। मरीज की उंगली डिवाइस से टच की जाती है, जो मशीन से जुड़ी होती है। जिसकी मदद से बिना सुई लगाए आसानी से रक्त जांच कर पाते हैं। इसके अलावा जांच के लिए जरूरी अन्य संसाधनों की कमी से भी निबटने के लिए भी ये EzeRx यंत्र सफल है। खास बात है कि इसे स्वदेश में ही बनाया गया है।
भारत के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं लचर हालत में है। दूर दराज के इलाको में स्थिति और खराब हो जाती है, हजारों लोगों की बिना चिकित्सा पाए मौत के आगोश में समा जाते हैं। एनीमिया यानि खून की कमी का उदाहरण जानिए, आधे से ज्यादा मामलों में मरीज आयरन की दवाइयों से ही ठीक हो सकते हैं, लेकिन बिना उपचार के ये बीमारी और विकराल रूप ले लेती है, खासतौर पर गर्भवती महिलाओं के लिए जानलेवा साबित होती है।
चिकित्सा प्रौद्योगिकी में 2018 में स्थापित EzeRx बीमारी के शीघ्र निदान के लिए अब सुलभ और किफायती समाधान पेश किया गया है। यह मिशन स्वास्थ्य देखभाल की ओर एक बड़ा बदलाव है, जिससे भारत में शहरी और ग्रामीण आबादी के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग सुविधा प्रदान की जाती है, खास तौर पर सरकार ने तो एनीमिया मुक्त भारत का ही लक्ष्य रखा है।
यह लक्ष्य EzeRx के प्रमुख उत्पाद, EzeCheck में दिखाई देता है, जो एनीमिया के लिए दुनिया का पहला नॉन-इनवेसिव स्क्रीनिंग डिवाइस है, जिसे आईसीएमआर-आरएमआरसीबीबी और सीडीएससीओ से समर्थन प्राप्त है। EzeCheck खून के नमूनों की ज़रूरत को खत्म करके एनीमिया के निदान में क्रांतिकारी बदलाव लाता है और अद्वितीय सुविधा प्रदान करता है। गर्भवती महिलाओं, शिशुओं और बुज़ुर्गों जैसे कमज़ोर लोगों के लिए 85-90% की सटीकता दर के साथ सटीक हीमोग्लोबिन स्तर का पता लगाने के लिए एब्ज़ॉर्बेंस स्पेक्ट्रोस्कोपी और एआई एकीकरण का उपयोग करता है, जो एक नॉन-इनवेसिव, आईओटी-सक्षम, एआई-संचालित डिवाइस का प्रतीक है।
EzeRx ने EzeCheck से 12.5 मिलियन से अधिक लोगों की जांच की है, जिससे पर्याप्त सामाजिक प्रभाव पड़ने के साथ ही ठोस लाभ प्राप्त हुए हैं और 5.6 करोड़ रुपए से अधिक कीमत के बराबर के 2500 लीटर से अधिक खून का संरक्षण किया गया है। 5 लाख से अधिक व्यक्तियों में एनीमिया का निदान होने से उनकी सेहत के बारे में अमूल्य जानकारी मिली है, जिससे हेल्थकेयर सिस्टम को बेहतर बनाने में योगदान मिला है, साथ ही एनीमिया से पीड़ित महिलाओं और ऐसी गर्भवती महिलाओं की पहचान की गई, जिन्हें आयरन सप्लीमेंट देने की आवश्यकता है।
कंपनी के फाउंडर पार्थ महापात्रा के मुताबिक EzeRx सभी को नवीन, पर्यावरण के अनुकूल, किफायती और सुलभ सेवाएं पेश करने के लिए अत्याधुनिक वैश्विक प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाता है। इस मुख्य उद्देश्य के कारण EzeRx को कई पुरस्कार मिले हैं और जो प्रभावशाली विकास के लिए प्रेरित करता है।
Created On :   27 Feb 2024 2:09 PM GMT