हरिवंश ने दुनिया के सामने आ रही अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों पर व्यक्त की चिंता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने बढ़ती परस्पर निर्भरता और परस्पर जुड़ाव के इस युग में आज दुनिया के सामने आ रही कई अंतरराष्ट्रीय और जटिल चुनौतियों पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि ऐसे परिदृश्य में संसदीय राजनय अधिक सामंजस्यपूर्ण और शांतिपूर्ण दुनिया को आकार देने के लिए संसदीय राजनय की परिवर्तनकारी शक्ति का उपयोग करके राष्ट्रों के बीच सहयोग, संवाद और शांंति को बढ़ावा देने का एक और माध्यम प्रदान करता है।
हरिवंश ने जिनेवा में आयोजित अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) की 148वीं बैठक में ‘संसदीय राजनय : शांति और समझ हेतु निर्माण’ विषय पर चर्चा में हिस्सा में लेते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि विभिन्न राजनयिक कार्यकलापों में सक्रिय रूप से शामिल भारत के संसद सदस्यों ने संवाद और सहयोग को बढ़ावा देकर वैश्विक शांति और समृद्धि को बढ़ावा देने में योगदान दिया है।
उपसभापति ने कहा कि सांसद सरकार के साथ साथ जनता की राय को प्रभावित करने की विशिष्ट स्थिति में होते हैं और भारतीय संसद भारत के द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों को प्रभावी ढंग से आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
Created On :   26 March 2024 7:42 PM IST