रोड़ा: एपीएल राशनकार्ड धारक किसानों को अनाज के बदले नकदी लेना नहीं आ रहा पसंद

एपीएल राशनकार्ड धारक किसानों को अनाज के बदले नकदी लेना नहीं आ रहा पसंद
  • कम राशि मिलने के कारण राशन चाहते हैं लाभार्थी
  • राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग ने एफसीआई से अनाज उपलब्ध कराने लिखा पत्र
  • तकनीकी खामियों का बना रोड़ा

अमित कुमार, मुंबई। प्रदेश सरकार की अमरावती, छत्रपति संभाजीनगर समेत 14 आत्महत्याग्रस्त जिलों के एपीएल राशनकार्ड धारक किसानों को अनाज के बदले नकदी देने की योजना पसंद नहीं आ रही है। राशन कार्ड धारकों को हर महीने प्रति लाभार्थी 150 रुपए दिया जाता है। इसके चलते कुल पात्र लाभार्थियों में से लगभग 20 प्रतिशत लाभार्थी ही राशन के बजाय डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) के जरिए नकदी ले रहे हैं। इसके मद्देनजर राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को अनाज उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा है।

राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग के एक अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर' को बताया कि 14 जिलों में 8 लाख 55 हजार 324 राशन कार्ड धारक हैं। जिसमें 38 लाख 2 हजार 36 लाभार्थी हैं। लेकिन बीते अक्टूबर तक 7 लाख 39 हजार 36 लाभार्थियों ने नकद राशि स्वीकार की है। जिसके लिए सरकार ने 39 करोड़ 40 लाख 41 हजार 702 रुपए लाभार्थियों को उपलब्ध कराया है। जबकि बाकी लाभार्थी राशन के बजाय पहले की तरह अनाज चाहते हैं।

केंद्र सरकार की पीएमएस प्रणाली में गड़बड़ी

अधिकारी ने कहा कि कई लाभार्थी बैंक खाते की जानकारी नहीं दे रहे हैं क्योंकि नकद राशि कम होने के कारण अधिकांश लोग अनाज ही चाहते हैं। अधिकारी ने बताया कि लाभार्थियों को नकदी केंद्र सरकार की पीएमएस प्रणाली के जरिए दी जाती है। लेकिन इसमें कुछ तकनीकी खामियां हैं। इस कारण लाभार्थियों को राज्य सरकार के महाडीबीटी पोर्टल के माध्यम से नकदी दी जा रही है।

विधायक भी चाहते हैं मिले अनाज

अधिकारी ने बताया कि मराठवाड़ा संभाग के विधायक भी लगातार नकदी के बजाय अनाज उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं। इसके मद्देनजर हमने एफसीआई को पत्र लिखकर गेहूं और चावल उपलब्ध कराने की मांग की है। क्योंकि राज्य सरकार यदि खुले बाजार से अनाज खरीदेगी तो एफसीआई की लागत के मुकाबले डेढ़ गुना राशि देनी पड़ेगी। यदि एफसीआई अनाज उपलब्ध नहीं कराएगा तो सरकार नकदी की राशि बढ़ाने पर निश्चित रूप से विचार कर सकती है।

इन जिलों में लागू है योजना

इसमें छत्रपति संभाजीनगर और अमरावती विभाग के सभी जिले और नागपुर विभाग के वर्धा जिले के एपीएल (केसरी) राशन कार्ड धारक किसान नकदी के लिए पात्र हैं। फिलहाल राज्य के अमरावती, वर्धा, अकोला, यवतमाल, बुलढाणा, वाशिम, छत्रपति संभाजीनगर, जालना, परभणी, हिंगोली, नांदेड, बीड, धाराशिव और लातूर में यह योजना लागू है।

क्यों शुरू करने पड़ी थी नकदी योजना

दरअसल रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण निर्यात बंद हो गया था। दूसरी ओर एफसीआई का बफर स्टॉक खत्म हो गया था। इसके मद्देनजर एफसीआई ने साल 2022 में गेहूं और चावल उपलब्ध न कराने में असमर्थता जताई थी। जिसके मद्देनजर शिंदे सरकार ने जनवरी 2023 से किसान आत्महत्याग्रस्त 14 जिलों के एपीएल राशनकार्ड धारक किसानों को अनाज के बदले नकदी देने का फैसला किया था।

प्रमुख जिलों में नकदी योजना के लाभार्थियों की स्थिति

जिला कार्ड धारक लाभार्थी संख्या नकदी लेने वाले लाभार्थी

अमरावती 92895 352791 29340

अकोला 38589 150427 41936

छ.संभाजीनगर 69806 307650 11470

वर्धा 41850 160632 54910

यवतमाल 76135 282625 52242

नांदेड़ 84046 336096 55579

बीड़ 127792 508583 79463

बुलढाणा 79889 331383 33803

लातूर 53063 248670 61852

Created On :   6 Jan 2024 1:47 PM GMT

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