नागपुर: बिजली व्यवस्था चरमराने का खतरा, केंद्र निजी हाथों में देने का हो रहा विरोध

बिजली व्यवस्था चरमराने का खतरा, केंद्र निजी हाथों में देने का हो रहा विरोध
  • कृति समिति ने दी दो दिन हड़ताल पर जाने की चेतावनी
  • 16 जलविद्युत निर्मिति केंद्र निजी हाथों में देने का विरोध

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य के 16 जलविद्युत निर्मिती केंद्र निजी हाथों में देने के फैसले के विरोध में महाराष्ट्र राज्य विद्युत कर्मचारी-अभियंता-अधिकारी कृति समिति ने 25 व 26 सितंबर को हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। हड़ताल में तीनों बिजली कंपनी महावितरण, महानिर्मिती व महापारेषण के कर्मचारियों ने शामिल होने की चेतावनी देने से नागपुर समेत राज्य भर में बिजली व्यवस्था चरमराने का खतरा बढ़ गया है।

कृति समिति लंबे समय से बिजली कंपनी के निजीकरण का विराेध कर रही है। कृति समिति समय-समय पर आंदोलन करके अपने इरादों से सरकार को अवगत करा चुकी है। कृति समिति के कृष्णा भोयर ने स्पष्ट किया कि सरकार ने बिजली कंपनियों का निजीकरण नहीं रोका तो अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल पर जाएंगे। सरकार ने 16 जलविद्युत निर्मिति केंद्र आधुनिकीकरण के नाम पर निजी हाथों में देने का निर्णय लिया है।

समिति ने इसका जबरदस्त विरोध किया है। केंद्र सरकार ने बिजली कंपनियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्किम (यूपीएस) लागू किया है। कृति समिति यूपीएस को सुधार के साथ लागू करने की मांग कर रही है। स्मार्ट मीटर के नाम पर करीबियों को ठेका देने का आरोप लगाते हुए स्मार्ट मीटर योजना रद्द करने की मांग की है।

तीनों बिजली कंपनियों का नेतृत्व करनेवाली यूनियन कृति समिति ने अपने इरादों से ऊर्जा विभाग व सरकार को अवगत करा दिया है। मांगें पूरी नहीं हुई तो 25 व 26 सितंबर को पूरे राज्य में हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। तीनों कंपनी के कर्मचारी-अधिकारी व अभियंता शामिल होने से विद्युत व्यवस्था चरमराने का खतरा बढ़ गया है। सरकार पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है।

Created On :   13 Sept 2024 2:17 PM GMT

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