कैसे टूटे चेन :: एचआईवी पॉजिटिव नहीं करना चाहते पार्टनर को सार्वजनिक

एचआईवी पॉजिटिव नहीं करना चाहते पार्टनर को सार्वजनिक
  • जिले में असली आंकड़े जुटाना बड़ी चुनौती
  • एचआईवी बीमारी पर संकोच भारी
  • इंडेक्स टेस्टिंग कम होना मुख्य वजह

चंद्रकांत चावरे , नागपुर । राज्य भर में एचआईवी पाॅजिटिव से संबंधित लोगों की इंडेक्स टेस्टिंग करने के लिए अप्रैल महीने में निर्देश जारी किया गया था। नैको (नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गनाइजेशन) ने आईसीटीसी (इंटग्रेटेड काउंसिलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर) केंद्रों को यह जिम्मेदारी सौंपी है। जानकारी के अनुसार, जिले में 14000 एचआईवी पॉजिटिव मरीज हैं। उनके जिनसे संबंध रहे हैं, उनकी और उनके बच्चों की इंडेक्स टेस्टिंग करनी है। साथ ही जो लोग पॉजिटिव हैं, उनके पार्टनर (पति-पत्नी) अन्य बाहरी पार्टनर और उन सभी के बच्चों की टेस्टिंग करनी है, ताकि एचआईवी की श्रृंखला को तोड़ा जा सके। लेकिन 5 महीने में केवल 1934 पॉजिटिव से संबंधित लोगों की ही इंडेक्स टेस्टिंग हो पाई है। इंडेक्स टेस्टिंग कम होने का मुख्य कारण यह है कि कोई भी पीड़ित अपने संबंधों को व संबंधित पार्टनर की पहचान को सार्वजनिक नहीं करना चाहता। सामाजिक संकोच और डर दोनों के चलते एचआईवी पॉजिटिव खुलकर जानकारी नहीं देते। इसलिए इंडेक्स टेस्टिंग करने में कर्मचारियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

हर साल 600 से अधिक नये मरीज : राज्यभर में एचआईवी पीड़ितों की इंडेक्स टेस्टिंग करने का निर्णय अप्रैल महीने में दिया गया था। यह निर्देश नैको (नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गनाइजेशन) ने आईसीटीसी (इंटग्रेटेड काउंसिलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर) केंद्रों को दिया है। जिले में हर साल 600 से अधिक नये मरीज दर्ज होते हैं। यहां आईसीटीसी के 22 केंद्रों के 110 अस्थायी कर्मचारियों के माध्यम से एचआईवी नियंत्रण के लिए काम किया जा रहा है। 2002 से एचआईवी नियंत्रण कार्यक्रम शुरू है। बीते 5 महीने में केवल 1934 मरीजों से संबंधित लोगों की ही इंडेक्स टेस्टिंग हो पायी है। यानी हर महीने औसत 386 मरीजों से संबंधित लोगों की ही जांच हो पा रही है।

कोई खुलकर जानकारी नहीं देता :सूत्रों ने बताया कि इंडेक्स टेस्टिंग करना बड़ा मुश्किल काम है। जो व्यक्ति पॉजिटिव है, वह खुलकर कोई जानकारी नहीं देता। जिस घर में एचआईवी पॉजिटिव होता है, वह परिवार बदनामी की डर से कुछ बताने से मना कर देते हैं। इसलिए कर्मचारियों को इंडेक्स टेस्टिंग करने में काफी मुश्किलें आ रही है।

Created On :   13 Sept 2024 11:31 AM GMT

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