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मंडलों को राहत: गणेशोत्सव पर सार्वजनिक मंडलों के लिए अनुमति समेत सभी शुल्क माफ
- पीओपी मूर्ति और तालाब में विसर्जन पर पूर्ण पाबंदी
- गणेश मंडलों से मनपा नहीं लेगी अनुमति शुल्क
- 10 जोन में आनलाइन लिंक का इस्तेमाल सुविधा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। महानगरपालिका प्रशासन ने गणेशोत्सव को पर्यावरणपूरक आयोजित करने के लिए दिशानिर्देश की घोषणा की है। गणेशोत्सव के लिए सार्वजनिक मंडलों के लिए अनुमति समेत सभी शुल्क को माफ किया गया है। मनपा आयुक्त डॉ. अभिजीत चौधरी ने मंडलों के अनुमति शुल्क के साथ ही आवेदन जांच एवं निरीक्षण शुल्क 200 रुपये अौर डिपाजिट राशि 1,000 से 5,000 रुपये को भी माफ कर दिया है। शहर में मंडलों को आनलाइन अनुमति देने के लिए लिंक के माध्यम से सुविधा दी जाएगी। इतना ही नही शहर के 10 जोन में आनलाइन लिंक का इस्तेमाल करने को लेकर सुविधा केन्द्र भी बनाया जाएगा।
पीओपी मूर्ति के लिए 10 हजार दंड : मनपा ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल के 12 मई 2020 के मार्गदर्शक निर्देशों के तहत पीओपी मूर्तियों के भंडारण और बिक्री को पूरी तरह से पाबंद किया है। पीओपी मूर्ती बनाने और उत्पादन पर करते पाएं जाने पर 10,000 रुपए का दंड किया जाएंगा। नागरिकों को भी मनपा ने गणेशजी की पर्यावरणपूरक मिट्टी की मूर्ति स्थापित करने का आवाहन किया है। पारंपारिक मूर्तिकारों को मूर्ति बिक्री के लिए डिपाजिट 5,000 रुपए को 500 रुपए किया गया है। पारंपारिक मूर्तिकार संगठन को सार्वजनिक जगह पर मूर्ति विक्री केंद्र के लिए 10 बाय 10 फीट मंडप के लिए 1000 रुपए प्रति मंडप, प्रतिदिन शुल्क लिया जाएगा।
सामाजिक कार्य को प्रेरणा का आवाहन : मनपा प्रशासन ने रिहायशी संकुल, घरकुल में एक संकुल एक गणपति प्रतिमा स्थापित करने का आवाहन किया है। इसके साथ ही सार्वजनिक रूप से स्वास्थ्य जांच, रक्तदान शिविर, मलेरिया, डेंगू जनजागरण करने को लेकर भी कार्य करने पर जोर देने का आवाहन किया है। सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों के लिए 4 फीट ऊंचाई की प्रतिमा स्थापित करने का आवाहन किया गया है। मंडलों ने रैली समेत अन्य आयोजन में ध्वनी प्रदूषण के मानकाें का पालन करना चाहिए। 4 फीट से अधिक ऊंची मूर्तियों का विसर्जन महानगरपालिका सीमा के बाहर किया जाएंगा। वहीं दूसरी ओर घरेलू गणेश मूर्ति की 2 फीट ऊंचाई रखने और मूर्ति निर्माण में रसायनिक रंगों, प्लास्टिक एवं थर्माकोल इस्तेमाल से परहेज करने की भी सलाह दी है। श्रद्धालुओं ने प्राकृतिक तालाब और जलाशयाें में विसर्जन से परहेज करना चाहिए। घरेलू मूर्तियों को कृत्रिम विसर्जन टैंक में विसर्जन करना होगा।
Created On :   23 Aug 2024 3:32 PM IST