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कोर्ट ने जताई नाराजगी: यूनिवर्सिटी फिर विवादों में, निलंबन को चुनौती , डॉ. चौधरी की संशोधित अर्जी मंजूर
- हाई कोर्ट ने राज्यपाल से मांगा जवाब
- फरवरी में पहली बार किए गए थे सस्पेंड
- दूसरी बार निलंबन पर अदालत पहुंचे
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्यपाल द्वारा 4 जुलाई को राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के कुलगुरू पद से दूसरी बार निलंबित करने के फैसले को डॉ. सुभाष चौधरी ने बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ में चुनौती दी है। डॉ. चौधरी की पहले से ही नागपुर खंडपीठ में याचिका प्रलंबित है। इस याचिका में संशोधित अर्जी दायर करते हुए "द यूनिफॉर्म स्टैचूट' (एक समान कानून) को दी चुनौती वापस लेते हुए अब निलंबन के आदेश को चुनौती दी है। इस मामले में न्या. अविनाेश घरोटे और न्या. मुकुलिका जवलकर के समक्ष हुई सुनवाई में कोर्ट ने डॉ. चौधरी की संशोधित अर्जी मंजूर की है। साथ ही कोर्ट ने इस मामले में कुलपति के तौर पर राज्यपाल से तीन सप्ताह में जवाब दायर करने के आदेश दिए है।
यह है मामला : बता देें कि, 21 फरवरी 2024 को राज्यपाल ने डॉ. चौधरी को पहली बार निलंबित किया था। इस फैसले को डॉ. चौधरी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट ने डॉ. सुभाष चौधरी की याचिका मंजूर करते हुए राज्यपाल द्वारा दिया गया निलंबन का फैसला रद्द किया था। इसके चलते 11 अप्रैल को डॉ. चौधरी ने नागपुर विश्वविद्यालय के कुलगुरु का फिर से कार्यभार संभाला। लेकिन कार्यभार संभालते ही डॉ. चौधरी पर जांच बैठाई गई। विभाग के उप सचिव अशोक मांडे समिति द्वारा यह जांच पूरी की गई। जैसे ही समिति ने रिपोर्ट सौंपी गई वैसे ही राज्यपाल द्वारा पत्र भेजते हुए डॉ. सुभाष चौधरी से कमेटी की रिपोर्ट पर जवाब मांगा गया। राज्यपाल के इस कारण बताओ नोटीस के खिलाफ डॉ. चौधरी ने कोर्ट में याचिका दायर करते हुए अंतरिम स्थगन की मांग की थी। साथ ही द यूनिफॉर्म स्टैचूट (एक समान कानून) को भी चुनौती दी थी।
इसलिए डॉ. चौधरी दूसरी बार निलंबित : नागपुर खंडपीठ ने डॉ. चौधरी की जांच पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार करने के बाद राज्यपाल ने डॉ. चौधरी को उनका बयान सुनने के लिए राज्यपाल कार्यालय में बुलाया था। इसके चलते डॉ. चौधरी ने अपना लिखित जवाब पेश कर दो दिन का मेडिकल अवकाश मांगा। लेकिन डॉ. चौधरी द्वारा दिए गए लिखित जवाब से संतुष्ट नहीं होने से 4 जुलाई को राज्यपाल ने डाॅ. चौधरी को दूसरी बार निलंबित किया था। डॉ. सुभाष चौधरी के खिलाफ कई शिकायतों पर राज्यपाल ने जांच कमेटी गठित की थी। इसी कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर राज्यपाल ने यह कार्रवाई की। पिछली सुनवाई में डॉ. चौधरी ने नागपुर खंडपीठ में प्रलंबित याचिका में संशोधित अर्जी दायर करते हुए द यूनिफॉर्म स्टैचूट (एक समान कानून) को दी चुनौती को वापस लिया और राज्यपाल द्वारा दुसरी बार निलंबित करने के फैसले को चुनौती दी है। इस संशोधित अर्जी को कोर्ट ने बुधवार को मंजूरी देते हुए इस पर राज्यपाल को जवाब दायर करने के आदेश दिए है। डॉ. चौधरी की ओर से वरिष्ठ विधिज्ञ फिरदोस मिर्जा ने पैरवी की।
Created On :   21 Aug 2024 6:58 PM IST