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Nagpur News: एटीएम असुरक्षित , कांच टूटे और सीसीटीवी बंद ,एसी खराब, गार्ड भी नदारद

- नागपुर में एटीएम की बदहाली बनी सुरक्षा के लिए खतरा
- अधिकांश में सुविधाओं की कमी और लापरवाही
Nagpur News नागपुर शहर में तकनीकी और डिजिटल युग के इस दौर में भी सुविधाओं की कमी और लापरवाही साफ तौर पर देखने को मिल रही है। खास तौर पर शहर भर में फैले एटीएम रूम्स की हालत दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। जिन जगहों को सुरक्षा और सुविधा का प्रतीक माना जाना चाहिए, वे आज खतरे का अड्डा बनते जा रहे हैं। टूटी हुई दीवारें, दरवाजे और कांच, बंद पड़े सीसीटीवी कैमरे, खराब एसी और सुरक्षा गार्ड की गैर-मौजूदगी, यह स्थिति अब आम हो गई है।
असुरक्षा का माहौल: शहर के कई प्रमुख इलाकों जैसे नंदनवन, सीताबर्डी, इतवारी और हिंगना रोड में स्थित कुछ एटीएम रूम्स की स्थिति देख कर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि नागरिकों की सुरक्षा के प्रति जिम्मेदार एजेंसियों और बैंकों का रवैया कितना लापरवाह हो चुका है। रात के समय इन एटीएम रूम्स के आस-पास असामाजिक तत्वों का जमावड़ा बढ़ जाता है। कहीं-कहीं तो एटीएम रूम्स में नशे में धुत लोग या बेघर लोग सोते दिखाई देते हैं। इससे आम नागरिकों विशेषकर महिलाओं और बुजुर्गों को डर का माहौल झेलना पड़ता है। कई बार नागरिक एटीएम से पैसे निकालने के लिए रुकते हैं, लेकिन वहां की स्थिति देखकर वे पैसे निकालने से ही पीछे हट जाते हैं।
सीसीटीवी और एसी नहीं कर रहे काम : एटीएम रूम्स में लगे सीसीटीवी कैमरे, जो कि सुरक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं, वे या तो बंद पड़े हैं या खराब हो चुके हैं। इसका मतलब यह है कि किसी घटना के होने पर सबूत जुटा पाना नामुमकिन हो जाता है। वहीं गर्मी के इस मौसम में एसी का बंद होना ग्राहकों के लिए एक और बड़ी परेशानी बन चुका है। कई लोग घुटन और गर्मी की वजह से एटीएम के अंदर ज्यादा देर तक रुक नहीं पाते।
सुरक्षा गार्ड की अनिवार्यता पर सवाल ः हालांकि नियमों के अनुसार हर एटीएम रूम पर गार्ड तैनात होना अनिवार्य नहीं है, लेकिन शहर में बढ़ रही चोरी और लूट की घटनाओं को देखते हुए सुरक्षा गार्ड की उपस्थिति अब अनिवार्य हो गई है। कई एटीएम सेंटर ऐसे भी हैं जहां पहले गार्ड हुआ करते थे, लेकिन अब खर्च बचाने के नाम पर उन्हें हटा दिया गया है। हाल के दिनों में नागपुर में कई एटीएम लूट और चोरी की घटनाएं सामने आई हैं। कहीं मशीन को तोड़कर नकदी निकाली गई तो कहीं लूट की गई।
आवारा जानवरों का जमावड़ा :नंदनवन के कुछ नागरिकों ने यह भी शिकायत की है कि कई एटीएम रूम्स में आवारा श्वान घुसकर वहीं सोते हैं। इससे लोगों का अंदर जाना मुश्किल हो जाता है। खासकर रात के समय जब सड़कों पर सन्नाटा होता है, ऐसे में अगर कोई अकेला व्यक्ति पैसे निकालने जाए और अंदर श्वान मिल जाएं तो स्थिति खतरनाक हो सकती है।
डिजिटल युग में भी डर बना हुआ है : हालांकि आज का युग डिजिटल होता जा रहा है, और अधिकांश लोग ऑनलाइन ट्रांजेक्शन्स या मोबाइल पेमेंट्स पर निर्भर हो चुके हैं, फिर भी एटीएम की आवश्यकता पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है। विशेषकर बुजुर्ग नागरिक, छोटे व्यवसायी और अशिक्षित नागरिक, उन्हें एटीएम पर ही निर्भर रहना पड़ता है।
प्रशासन और बैंकिंग संस्थाओं की जिम्मेदारी : इस पूरे मुद्दे ोमें बैंक और प्रशासन दोनों की साझा जिम्मेदारी बनती है। बैंकों को चाहिए कि वे अपनोी एटीएम सेवाओं की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सोमय-समय पर निरीक्षण करें और आवश्यक सुधार कार्य करवाएं। वहीं प्रशासन को चाहिए कि वे कानून-व्यवस्था बनाए। यदि जल्द से जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो आने वाले दिनों में नागपुर में एटीएम अपराधों में और बढ़ोतरी हो सकती है।
Created On :   15 April 2025 11:27 AM IST