धर्म ज्ञान: स्वाध्यायी ज्योति शिंगी ने कहा - जो आपके भाग्य में है, उसे कोई छीन नहीं सकता

स्वाध्यायी ज्योति शिंगी ने कहा - जो आपके भाग्य में है, उसे कोई छीन नहीं सकता
  • कितनी भी कोशिश कर लें, जो हमारे भाग्य में है, उसे कोई छीन नहीं सकता
  • स्वाध्यायी ज्योति शिंगी ने सिखाया धर्म ज्ञान

डिजिटल डेस्क, बीड. स्वाध्यायी ज्योति शिंगी ने माजलगांव में कार्यक्रम के दौरान कहा कि चाहे हम कितनी भी कोशिश कर लें, जो हमारे भाग्य में है, उसे कोई छीन नहीं सकता। जैन चातुर्मास के 8 पवित्र दिन पर्युषण पर्व का मौका है। इस पर्युषण पर्व के अवसर पर अहील्या नगर (अहमदनगर) जिले के नेवासा से ज्योति शिंगी, कोमल संचेती और भगवती कोल्हार और कोल्हार से जयश्री राका को जैन धर्म, ज्ञान और ध्यान का प्रसार करने के लिए वर्धमान जैन संस्था में पहुंचे। जहां स्वाध्यायी ज्योति शिंगी ने पिछले 8 दिनों में जीवन जीने के सात अलग-अलग सूत्र बताए, जिसे अपनाकर उन्होंने उपस्थित लोगों को ज्ञान दिया कि उनका जीवन सार्थक होगा।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अपनी समझ को अपने शरीर के पास रखना चाहिए, कभी भी बाहर का गुस्सा, तनाव या झगड़ा अपने घर में नहीं लाना चाहिए, हमेशा दूसरों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए, जीवन में हमेशा ज्ञान, ध्यान और धर्म को अपनाना चाहिए , व्यक्ति को जीवन जीते समय अहंकार नहीं करना चाहिए। हमेशा सभी के साथ मित्रतापूर्ण व्यवहार करना चाहिए और हर चीज के बारे में सकारात्मक विचार रखना चाहिए। स्वाध्यायी ज्योति शिंगी ने कहा कि यदि इन सभी सूत्रों को जीवन में अपना लिया जाए तो हमारा जीवन सार्थक हो जाएगा और हमें मोक्ष की प्राप्ति होगी। इस पर्युषण पर्व के अवसर पर स्वाध्यायी ने विभिन्न शैक्षणिक खेल एवं लघु नाटिका के माध्यम से समाज की महिलाओं एवं पुरुषों को बहुमूल्य ज्ञान दिया।

रविवार 8 सितंबर को वर्धमान जैन स्थानक में 'जैन संवत्सरी' महोत्सव के साथ पर्युषण पर्व का समापन हुआ। इस अवसर पर सिद्धाता नवल पगारिया को 9 दिन के उपवास की स्वीकृति दी गई। वहीं इस अवसर पर किरण तातेड़, लब्धि लोधा, धीरज खारिया, कोमल खारिया, स्नेहा लोढ़ा सहित कई लोगों ने 1 दिन, 3 दिन, 5 दिन जैसे विभिन्न निरंकार व्रतों का अनुमोदन भी किया। इस अवसर पर समाज के महिला, पुरुष, बुजुर्ग, युवा एवं बच्चों की काफी उपस्थिति रही।

Created On :   8 Sept 2024 2:27 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story