जागी पुलिस: घालमेल की शिकायतों के बाद सीपी ने उठाया बड़ा कदम, तेल के खेल पर नकेल

घालमेल की शिकायतों के बाद सीपी ने उठाया बड़ा कदम, तेल के खेल पर नकेल
  • पुलिस महकमे को होगी हर माह 7 लाख की बचत
  • बंदिश... साल भर में प्रत्येक पुलिस वाहन को सिर्फ 4500 लीटर ईंधन ही मिल सकेगा
  • एक्शन... पुलिस विभाग के वाहनों को अब एमटीओ सेक्शन के पेट्रोल पंप से डीजल और पेट्रोल मिलना बंद

अभय यादव , नागपुर । शहर के सभी पुलिस थानों, पुलिस की विभिन्न शाखाओं, पुलिस की अन्य इकाइयों के लिए दिए गए पुलिस वाहनों और बंदोबस्त के लिए बाहर से आने वाले पुलिस वाहनों को अब एमटीओ (पुलिस मोटर परिवहन विभाग) परिसर के पेट्रोल पंप से ईंधन देना बंद कर दिया गया है। इन वाहनों के चालकों को अब शहर में गिट्टीखदान, सीआईडी ऑफिस के पास और अजनी में खोले गए पुलिस वेलफेयर के पेट्रोल पंप से ईंधन मिलेगा। एमटीओ में पेट्रोल पंप पर सिर्फ इमरजेंसी पुलिस सेवाओं के वाहनों को ही ईंधन देने की अनुमति रहेगी। साल भर में सिर्फ 4500 लीटर ईंधन प्रत्येक पुलिस वाहनों को मिल सकेगा। मतलब, सब कुछ ‘ऑन द रिकॉर्ड’। महकमे ने इस आदेश के साथ ही ‘ऑफ द रिकॉर्ड’ ‘घालमेल’ पर नकेल कस दिया है।

लॉग बुक में इंट्री जरूरी : एमटीओ के सहायक पुलिस आयुक्त अजित देशपांडे के अनुसार पुलिस वाहन चालक को वाहन के लॉग बुक में पीएसओ (विभाग के अधिकारी) अधिकारी की अनुमति लेनी होगी। इसके बिना किसी भी पुलिस वाहन को पुलिस के पेट्रोल पंप से ईंधन नहीं मिलेगा। बता दें कि पुलिस के तीनों रिटेलर पेट्रोल पंप की संकल्पना सेवानिवृत्त पुलिस आयुक्त डॉ. के व्यंकटेशम की है।

ऐसी होगी बिल की मंजूरी : पुलिस आयुक्त डॉ. रवींद्र कुमार सिंगल द्वारा उक्त निर्णय से एमटीओ के पेट्रोल पंप के कुछ कर्मचारी खुश तो कुछ नाखुश हैं। पुलिस वेलफेयर पेट्रोल पंपों के संचालक को पुलिस वाहनों के ईंधन का आवंटन का हर दिन का लेखा-जोखा एमटीओ के सहायक पुलिस आयुक्त को ईमेल पर भेजना होगा। इसके बाद ही ईंधन के बिल की मंजूरी मिल सकेगी। बिल की एमटीओ की टेक्निकल, ऑडिट तथा वेरिफिकेशन टीम जांच करेगी। पश्चात उस बिल मंजूरी के लिए पुलिस आयुक्तालय भेजा जाएगा। आयुक्तालय से मंजूरी मिलने पर बिल ट्रेजरी ऑफिस में भेजा जाएगा।

ईंधन वितरण की प्रक्रिया पारदर्शी होगी : अब पुलिस कल्याण विभाग के शहर में संचालित हो रहे तीन पेट्रोल पंप से डीजल और पेट्रोल पुलिस वाहनों में भरवाना पड़ेगा। किसी भी पुलिस वाहन में लगने वाले ईंधन के बिल का भुगतान तब होगा, जब तक एमटीओ संबंधित वाहन के लॉग बुक की जांच नहीं कर लेता। अब ईंधन वितरण की यह प्रक्रिय पूरी तरह से पारदर्शी रहेगी। - अजित देशपांडे, सहायक पुलिस आयुक्त, शहर पुलिस परिवहन विभाग नागपुर

हर वाहन पर 300 लीटर ईंधन की बचत : देशपांडे के अनुसार, शहर में 34 पुलिस थानों के अलावा विविध पुलिस शाखाएं व अन्य पुलिस विभाग के िलए 750 से अधिक वाहन मुहैया कराए गए हैं। अगर सब कुछ तय मापदंड के अनुसार चला तो पहले की अपेक्षा हर पुलिस वाहन पर करीब 300 लीटर ईंधन की बचत होगी, जिससे हर माह लगभग 7 लाख रुपए का खर्च कम होगा।

ईंधन खत्म होने पर संचालक की होगी जिम्मेदारी : तीनों पुलिस पेट्रोल पंप पर ईंधन खत्म होने पर थानेदार और अन्य विभाग के संबंधित अधिकारी को अवगत कराना पेट्रोल पंप संचालक की जिम्मेदारी होगी। देशपांडे के अनुसार एमटीओ परिसर के पेट्रोल पंप पर पुलिस वाहनों को दो रुपए महंगा ईंधन मिलता है। दरअसल, एमटीओ परिसर का यह पेट्रोल पंप कंज्यूमर पेट्रोल पंप है, जहां पर सिर्फ शासकीय वाहनों को ही ईंधन भरने की अनुमति है।

Created On :   13 Sept 2024 4:15 PM IST

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