हाईकोर्ट: रितू मालू मामला सीआईडी को ट्रांसफर करने को लेकर अदालत ने फैसला रखा सुरक्षित

रितू मालू मामला सीआईडी को ट्रांसफर करने को लेकर अदालत ने फैसला रखा सुरक्षित
  • हाईकोर्ट में सभी पक्षों की दलीलें पूरी
  • याचिकाकर्ता ने जांच पर उठाया सवाल
  • रितू मालू मामला सीआईडी को ट्रांसफर करने की मांग

डिजिटल डेस्क, नागपुर. नशे में तेजी से कार चलाकर रामझूले पर दो लोगों को कुचलने का रितिका उर्फ रितू दिनेश मालू पर आरोप है। इस मामले की जांच सीआईडी को ट्रांसफर करने की मांग को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की गई है। इस मामले पर शुक्रवार को न्या. विनय जोशी और न्या. वृषाली जोशी के समक्ष हुई सुनवाई में सभी पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया है। मालू का मामला सीआईडी को ट्रांसफर होगा या यह मामला पुलिस के पास ही रहेगा इस पर एक सप्ताह बाद कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा।

इस हादसे में मारे गए मोहम्मद आतिफ के भाई शाहरुख जिया मोहम्मद ने इस संबंध में नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की है। याचिका में आरोप है कि, रितिका मालू ने 24 फरवरी की रात नशे में तेजी से कार चलाकर मुख्य रेलवे स्टेशन के पास रामझूले पर मोहम्मद आतिफ और उसके दोस्त मोहम्मद हुसैन को कुचल दिया। हादसे के बाद सबसे पहले तहसील पुलिस उपनिरीक्षक परशुराम भावल मौके पर पहुंचे। इस बीच आरोपी रितू और उसकी सहेली माधुरी शिशिर सारडा को हिरासत में लेने की बजाय उन्हें भागने में मदद की गई। साथ ही आरोपी के पति से फोन पर बात करते हुए स्थिति को संभालने आश्वासन दिया गया।

इसके अलावा सबूत मिटाने की भी कोशिश की गई। घटना की सूचना तड़के 4.30 बजे तहसील पुलिस निरीक्षक को दी गई। हालांकि, उन्होंने सुबह 9.31 बजे एफआईआर दर्ज कराई थी। साथ ही कई महत्वपूर्ण मुद्दों का जिक्र एफआईआर में नहीं किया गया है। आरोपी के खून में अल्कोहल का पता ना लगे, इसलिए नमूने लेने में छह घंटे की देरी की गई। इस संबंध में पुलिस आयुक्त से शिकायत की गई, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। तहसील पुलिस इस सारे मामले की जांच पारदर्शी से नहीं कर सकेगी। इसलिए याचिकाकर्ता ने मांग की है कि, इस मामले की जांच सीआईडी को ट्रांसफर की जाए। याचिकाकर्ता की ओर से एड. अमोल हुंगे और राज्य सरकार की ओर से मुख्य सरकारी वकील देवेन चौहान ने पैरवी की।

याचिकाकर्ता ने जांच पर उठाया सवाल

याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष रखते दावा किया था कि, आरोपी रितू मालू को बचाने के लिए पुलिस ने हर कदम पर जांच में खामियां रखीं, चूंकि मालू अमीर हैं इसलिए उन्होंने जांच में हस्तक्षेप किया। तहसील पुलिस की यह जांच विश्वसनीय नहीं है।

पुलिस पर लगे आरोप बेबुनियाद

मुख्य सरकारी वकील देवेन चौहान ने पक्ष रखते हुए कहा था कि, पुलिस सही तरीके से जांच कर रही है। पुलिस पर लगे आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने हर सबूत इकट्ठा कर लिया है। इसलिए पुलिस पर अविश्वास दिखाना सही नहीं है।

Created On :   23 Aug 2024 1:48 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story