फूटा गुस्सा: धनगर आरक्षण आंदोलन में हिंसा, जालना जिलाधिकारी कार्यालय का कांच फोड़ा, वाहनों पर पथराव

धनगर आरक्षण आंदोलन में हिंसा, जालना जिलाधिकारी कार्यालय का कांच फोड़ा, वाहनों पर पथराव
  • आंदोलन स्थल पर नहीं आए जिलाधिकारी
  • जालना जिलाधिकारी कार्यालय का कांच फोड़ा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आरक्षण को लेकर मराठा समाज के बाद अब धनगर समाज के आंदोलन में हिंसा देखने को मिली है। धनगर समाज के आंदोलनकारियों ने मंगलवार को जालना के जिलाधिकारी कार्यालय की खिड़की का कांच फोड़ दिया और वाहनों पर पथराव किया। आंदोलनकारियों के उग्र होने से काफी देर तक तनाव की स्थिति बनी रही। धनगर समाज की ओर से आरक्षण की मांग को लेकर आज राज्य भर में जिलाधिकारी और तहसील कार्यालयों पर आंदोलन किया गया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने अफसरों को ज्ञापन सौंपा। आंदोलनकारी चाहते थे कि जालना के जिलाधिकारी डॉ. श्रीकृष्णनाथ पांचाल आंदोलन स्थल पर आकर ज्ञापन स्वीकार करें। जिलाधिकारी या किसी अन्य अफसर के न आने से धनगर समाज के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। जबरन जिलाधिकारी कार्यालय में घुसे आंदोलनकारियों ने खिड़की का कांच तोड़ दिया।

आंदोलनकारियों ने आरोप लगाया कि जिलाधिकारी ने राजशिष्टाचार का हवाला देते हुए अतिरिक्त जिलाधिकारी को ज्ञापन लेने से मना कर दिया। यदि कार्यालय परिसर में महिलाएं न होतीं तो कुछ भी हो सकता था। इसके बाद जिला मुख्यालय पर पुलिस बंदोबस्त बढ़ा दिया गया।

जिलाधिकारी जिम्मेदार: पडलकर

धनगर आंदोलन में हिंसा के लिए भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर ने जिलाधिकारी को जिम्मेदार ठहराया है। मुंबई में पडलकर ने कहा कि जानकारी होने के बावजूद ज्ञापन स्वीकार करने जिलाधिकारी आंदोलन स्थल पर नहीं आए। उन्होंने किसी वरिष्ठ अधिकारी को भी नहीं भेजा। इससे नाराज लोगों ने उग्र आंदोलन किया। पडलकर ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया कि आंदोलनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज न किया जाए।

नागपुर में विधान भवन पर 11 दिसंबर को मोर्चा

भाजपा विधायक पडलकर ने कहा कि सरकार को धनगर समाज के आंदोलन को गंभीरता से लेना चाहिए। यदि सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाया तो धनगर समाज का आंदोलन उग्र होगा। नागपुर में शीतकालीन अधिवेशन के दौरान 11 दिसंबर को विधान भवन पर मोर्चा निकाला जाएगा।

Created On :   21 Nov 2023 3:39 PM GMT

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