Mumbai News: चेतावनी - रिवर्स घिबली ज्यादा खतरनाक, विदेशी कंपनियां कर सकती हैं दुरुपयोग

चेतावनी - रिवर्स घिबली ज्यादा खतरनाक, विदेशी कंपनियां कर सकती हैं दुरुपयोग
  • घिबली के जरिये विदेशी कंपनियों तक पहुंच रहा है भारतीयों का डेटा
  • महाराष्ट्र साइबर सेल ने जारी की अडवायजरी
  • फाइल एक्सेस देने में सावधानी बरतने की सलाह

Mumbai News. मुंबई समेत पूरे देश में घिबली स्टाइल आर्ट को लेकर महाराष्ट्र साइबर सेल ने एक एडवायजरी जारी की है। इस एडवायजरी में घिबली आर्ट के जरिए भारतीयों का डेटा विदेशियों कंपनियों तक पहुंचने और उसके दुरुपयोग की आशंका जताई गई है। साइबर सेल ने घिबली आर्ट को खतरनाक मनाते हुए लोगों से इसका इस्तेमाल न करने और सावधान रहने को कहा है। साइबर सेल के मुताबिक घिबली आर्ट से ज्यादा रिवर्स घिबली स्टाइल आर्ट खतरनाक है। इसके जरिये विदेशी कम्पनियां असली इमेज बनाकर बड़ा नुकसान पहुंचा सकती हैं। साइबर सेल ने व्यक्तिगत चित्र अपलोड करने या एआई प्लेटफॉर्म पर फाइल एक्सेस देने से पहले सावधानी बरतने की सलाह दी है। इतना ही नहीं, लोगों से अनुमति अनुरोधों की सावधानीपूर्वक समीक्षा करने, असत्यापित या अनौपचारिक अनुप्रयोगों से बचने और ऐसी सामग्री साझा करने से बचने को कहा है, जिसमें निजी या संवेदनशील जानकारी हो सकती है।

अन्य उद्देश्यों के लिए डेटाबेस का इस्तेमाल

महाराष्ट्र साइबर सेल के मुताबिक, जांच के दौरान घिबली आर्ट समेत कई अन्य एआई इमेज जेनरेटर के उपयोग से जुड़े कई जोखिम सामने आए हैं। जिसमें फोटो अपलोडिंग के समय डिवाइस में मौजूद फाइलों तक पहुंच का अनुरोध (परमिशन) जैसी चीजें शामिल हैं। साइबर सेल के अनुसार, सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इनमें से कुछ एआई प्लेटफार्म सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत फोटो का बड़े पैमाने पर डेटाबेस बनाने के लिए इसका लाभ उठा सकती हैं। इस डेटाबेस का उपयोग मॉडल प्रशिक्षण या उपयोगकर्ता द्वारा मूल रूप से इच्छित उद्देश्यों से परे अन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।

गोपनीयता के लिए चिंता

कुछ आर्ट जनरेटर जब घिबली आर्ट में कन्वर्टेड की गई फोटो को मूल फोटो में वापस लाने के लिए प्रेरित करते हैं, तो वे ऐसे आउटपुट बनाने में सक्षम होते हैं जो उपयोगकर्ताओं द्वारा अपलोड की गई मूल छवियों से काफी मिलते-जुलते हैं। यह क्षमता गोपनीयता और सहमति के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा करती हैं। क्योंकि इससे व्यक्ति की जानकारी या अनुमति के बिना व्यक्तिगत छवियों का पुनर्निर्माण और दुरुपयोग हो सकता है।

यशस्वी यादव, डीआईजी, महाराष्ट्र साइबर सेल के मुताबिक लोगों का चेहरा सिर्फ चेहरा नहीं है, बल्कि बायोमेट्रिक जानकारी है। एक बार कैप्चर हो जाने के बाद उसे संग्रहीत, संसाधित, साझा किया जा सकता है और संभावित रूप से दुरुपयोग किया जा सकता है जो लोगों की गोपनीयता, पहचान और सुरक्षा को नुकसान पहुंचा सकती है। पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं, जहां किसी प्लेटफार्म से चेहरे का डेटा लीक होने से डेटा उल्लंघन, पहचान की चोरी और अनधिकृत निगरानी हुई थी।


Created On :   11 April 2025 8:48 PM IST

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