बॉम्बे हाईकोर्ट: एमबीबीएस की छात्रा ने प्रैक्टिकल परीक्षा दोबारा कराने के लिए लगाई गुहार

एमबीबीएस की छात्रा ने प्रैक्टिकल परीक्षा दोबारा कराने के लिए लगाई गुहार
  • 30 मई को मामले की अगली सुनवाई
  • याचिका में के.जे.सोमैया कॉलेज के प्रोफेसर पर दुर्भावनापूर्ण इरादे से ओबीजीवाईएन की प्रैक्टिकल परीक्षा में फेल करने का आरोप
  • प्रोफेसर पर इन कैमरा प्रैक्टिकल परीक्षा नहीं लेकर नियमों के उल्लंघन का भी आरोप

डिजिटल डेस्क, मुंबई. के.जे.सोमैया कालेज की एमबीबीएस की छात्रा ने उसकी प्रैक्टिकल परीक्षा दोबारा कराने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में गुहार लगाई है। याचिका में छात्रा का दावा है कि प्रोफेसर ने दुर्भावनापूर्ण इरादे से उसे चौथे वर्ष की प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ (ओबीजीवाईएन) की प्रैक्टिकल परीक्षा में फेल किया है। प्रैक्टिकल परीक्षा इन कैमरा लेने और उसे विश्वविद्यालय को भेजने का नियम है। जबकि प्रोफेसर ने उसकी प्रैक्टिकल परीक्षा के दौरान कैमरे को बंद कर दिया गया था।

न्यायमूर्ति एन.आर.बोरकर और न्यायमूर्ति सोमशेखर सुंदरसेन की खंडपीठ के समक्ष छात्रा समृद्धि आंबेकर की ओर से वकील पूजा थोरात की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से दावा किया गया कि उसने 2019 में नीट परीक्षा 90.54 फीसदी अंक से पास कर के.जे.सोमैया कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन लिया। वह एमबीबीएस की पढ़ाई करते हुए प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष की परीक्षा अच्छे अंकों से पास की। उसने चौथे वर्ष में ओबीजीवाईएन की पढ़ाई के दौरान लिखित क्लासेस में 75 फीसदी और प्रैक्टिकल क्लासेस में 88 फीसदी में उपस्थिति रही है। इस साल 29 मार्च को उसका चौथे वर्ष की फाइनल परीक्षा का रिजल्ट आया, तो पता चला कि वह ओबीजीवाईएन के प्रैक्टिकल परीक्षा में फेल है।

याचिकाकर्ता छात्रा ने के.जे.सोमैया कॉलेज और महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय से शिकायत किया कि प्रोफेसर ने दुर्भावनापूर्ण इरादे से उसे ओबीजीवाईएन की प्रैक्टिकल परीक्षा फेल किया है। इस मामले की जांच की जाए और उसे दोबारा प्रैक्टिकल परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए। कॉलेज और विश्वविद्यालय ने छात्रा की दोबारा प्रैक्टिकल परीक्षा लेने से इनकार कर दिया, तो वह हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाई। इस दौरान महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की ओर से पेश वकील ने हलफनामा दाखिल किया, जिसमें याचिकाकर्ता की उसका प्रैक्टिकल परीक्षा दोबारा कराने के अनुरोध का विरोध किया गया है। खंडपीठ ने 30 मई को मामले की सुनवाई रखी है।

Created On :   29 May 2024 2:44 PM GMT

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