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जबलपुर: पुरानी दरों पर ही अभी जारी रहेगी रजिस्ट्री निर्वाचन आयोग की अनुमति का इंतजार
- हो सकता है जल्द अनुमति मिल जाए वरना आचार संहिता तक जारी रहेगी छूट
- सरकारी गाइड लाइन का कार्य 11 मार्च को पूरा कर लिया गया था और सरकार से अनुमति भी मिल गई थी।
- 15 जिलों के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 का लक्ष्य 1944 करोड़ दिया गया था
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। प्रॉपर्टी की नई कलेक्टर गाइड लाइन फिलहाल लागू नहीं होगी। इस गाइड लाइन में जिले की आधे से अधिक लोकेशन के रेट बढ़ाए गए हैं और इसे 1 अप्रैल से लागू होना था लेकिन आचार संहिता लागू है।
इसलिए गाइड लाइन लागू करने की इजाजत निर्वाचन आयोग से माँगी जा रही है। इसके लिए पत्राचार चल रहा है और हो सकता है कि कुछ दिनों में अनुमति मिल जाए या फिर आचार संहिता समाप्त होने तक पुरानी दरों को ही मान्य कर दिया जाए।
इससे आम नागरिकों को लाभ मिलेगा और उन्हें बढ़ी हुई दरों पर रजिस्ट्री नहीं करानी पड़ेगी। इस बीच वित्तीय वर्ष के समापन पर जोन का प्रदर्शन ठीक रहा और टारगेट से केवल डेढ़ प्रतिशत राशि कम एकत्र हो पाई।
महानिरीक्षक पंजीयन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता के प्रभावी होने से वर्ष 2023-24 की प्रभावी बाजार मूल्य गाइड लाइन की समयावधि आगामी आदेश तक बढ़ाई जा रही है।
इस मामले में वरिष्ठ पंजीयक डॉ. पवन कुमार अहिरवाल ने बताया कि सरकारी गाइड लाइन का कार्य 11 मार्च को पूरा कर लिया गया था और सरकार से अनुमति भी मिल गई थी। निर्वाचन आयोग से अनुमति मिल जाती है, तो हो सकता है कि 8-10 दिनों में नई गाइड लाइन लागू हो जाए।
भीड़ भी कम थी और काम भी धीमा रहा
लगातार कई दिनों से पंजीयन विभाग में सुबह से देर रात तक काम हो रहा था और वित्तीय वर्ष समापन के अंतिम कुछ दिनों में तो कर्मचारी और अधिकारी ठीक से सो भी नहीं पाए। रविवार को देर रात तक कार्य हुआ और उसके बाद भी बहुत सा कार्य आज के लिए छोड़ दिया गया था, जिससे पूरे दिन काम चलता रहा।
चूँकि लोगों को यही जानकारी थी कि सोमवार 1 अप्रैल से नई दरें लागू हो जाएँगी। इसलिए ज्यादा लोग पंजीयन के लिए पहुँचे ही नहीं लेकिन संपदा टू पोर्टल के कार्य के चलते सर्वर भी स्लो था, जिससे कार्य ठीक से हो नहीं पाया।
थोड़ी सी कसर रह गई
बताया जाता है कि जोन के 15 जिलों के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 का लक्ष्य 1944 करोड़ दिया गया था, इसमें से करीब 1910 करोड़ रुपए की आय तो हो गई जो कि 98 प्रतिशत से अधिक होती है।
जिले को 585 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाने का लक्ष्य दिया गया था जिसमें से करीब 560 करोड़ रुपए जुटा लिए गए। उप महानिरीक्षक पंजीयन प्रभाकर चतुर्वेदी ने बताया कि निर्वाचन आयोग से यदि जल्द ही अनुमति मिल जाती है, तब तो ठीक लेकिन यदि आचार संहिता तक पुरानी दरों पर ही काम करने के आदेश हुए तो निश्चित ही मई माह के अंत में फिर भीड़ जुटेगी।
Created On :   2 April 2024 3:25 PM IST