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दहशत: बाघ की दहशत से 6 गांव के लोगों ने तेंदूपत्ता संकलन से मोड़ा मुंह
- महिला की मृत्यु के बाद सहमे ग्रामीण
- आए दिन जंगल में जंगली पशुओं के हमले में लोग हो रहे घायल
- जंगल में तेंदूपत्ता संकलन शुरू होते ही वन्यजीवों के हमले काफी बढ़ गए
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। एक तरफ कम दिनों में अधिक मजदूरी मिलने से मदजूरों को तेंदूपत्ता सीजन का बेसब्री से इंतजार रहता है। दूसरी ओर वर्तमान स्थिति में जिले में तेंदूपत्ता मजदूरों को अपनी जान जोखिम में डालकर संकलन करने की नौबत आन पड़ी है। आए दिन जिले के जंगल में जंगली पशुओं के हमले में लोग घायल होने और मृत्यु होने की घटनाएं उजागर हो रहीं है। ऐसे में मंगलवार की सुबह गड़चिरोली जिला मुख्यालय से 10 किमी दूरी पर आंबेशिवणी गांव के जंगल में तेंदूपत्ता संकलन करने पहुंची एक महिला पर बाघ ने हमला किया जिसमें महिला की मृत्यु हो गयी।
इस घटना से आंबेशिवणी समेत परिसर के गांवों के तेंदूपत्ता मजदूर पूरी तरह भयभीत हो गए है। वहीं बाघ की दहशत के कारण आंबेशिवणी समेत परिसर के करीब 6 गांवों के तेंदूपत्ता मदजूर बुधवार को तेंदूपत्ता संकलन करने जंगल में नहीं गए। जिले के जंगल में तेंदूपत्ता संकलन शुरू होते ही वन्यजीवों के हमले काफी बढ़ गए हंै जिसके कारण तेंदूपत्ता मजदूर अब तेंदूपत्ता संकलन करने जंगल में जाने से कतरा रहे हैं।
ऐसे में मंगलवार को सुबह के समय आंबेशिवणी गांव के जंगल में बाघ के हमले में महिला मजदूर की मृत्यु होने से आंबेशिवणी समेत बामणी, उसेगांव, आंबेटोला, सावरगांव समेत करीब 6 गांवों के तेंदूपत्ता मजदूरों ने बुधवार दिनभर तेंदूपत्ता संकलन का कार्य नहीं किया। इन गांवों के कोई व्यक्ति जंगल नहीं पहुंचे। लगातार बढ़ रहे वन्यजीवों के हमले के कारण वनविभाग अलर्ट होकर आंबेशिवणी समेत परिसर के गांवों के तेंदूपत्ता मजदूरों को जंगल में तेंदूपत्ता संकलन करने न जाए, ऐसा आह्वान किया है। लेकिन दूसरी ओर एक वर्ष में एक बार आनेवाले और कम दिनों में अधिक दिनों तक रोजगार देनेवाले सीजन में बाघ की दहशत निर्माण होने के कारण इस क्षेत्र के मजदूरों को तेंदूपत्ता संकलन से वंचित रहना पड़ रहा है।
Created On :   16 May 2024 4:36 PM IST