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शिक्षा: चामोर्शी में शिक्षकों के 151 पद रिक्त, जिला परिषद की पांच शालाओं में शिक्षक ही नहीं
- नक्सलीग्रस्त गड़चिरोली जिले में शिक्षा व्यवस्था का बंटाधार
- गांव के विद्यार्थियों को नहीं मिल रही उचित शिक्षा
- रिक्त पदों पर नहीं की जा रही भर्ती
डिजिटल डेस्क, चामोर्शी (गडचिरोली)। राज्य सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने समूचे राज्यभर में सर्व शिक्षा अभियान आरंभ कर जिला परिषद की प्राथमिक शालाओं को डिजिटल कर विद्यार्थियों को प्रभावी शिक्षा दिलाने का उपक्रम शुरू किया है। लेकिन चामोर्शी तहसील की 5 शालाओं में कुछ महीने से शिक्षक ही नहीं होने की जानकारी मिली है। जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है।
बता दें कि, समूचे चामोर्शी तहसील में केंद्र प्रमुख, उच्च श्रेणी प्रधानाध्यापक, स्नातक प्राथमिक शिक्षक, विषय शिक्षक और शिक्षा विस्तार अधिकारी के कुल 151 पद अनेक महीने से रिक्त है। फलस्वरूप तहसील में शैक्षणिक क्रांति कैसे होगी? ऐसा सवाल अब अभिभावकों द्वारा पूछा जा रहा है। जिला मुख्यालय समेत तहसीलों में निजी कॉन्वेंट की संख्या अब आसमान छू रहीं है। निजी शालाओं की तुलना में जिला परिषद की प्राथमिक शालाओं में बुनियादी सुविधाओं के साथ शिक्षा का दर्जा, शिक्षकों की कमी, अंगरेजी भाषा में शिक्षा का अभाव, शिक्षकों पर सौंपे गये अशैक्षणिक कार्य आदि के कारणों से इन शालाओं में अपने बच्चों का दाखिला कराने अभिभावक इच्छुक नहीं दिखायी दे रहे हैं। इसी कारण जिला परिषद की शालाओं में विद्यार्थियों की कमी देखी जा रहीं है। इन सारे कारणों के चलते जिला परिषद शालाएं शुरू रखने का आह्वान जिला परिषद के शिक्षा विभाग के समक्ष है। बावजूद इसके रिक्त पदों को भरने राज्य सरकार द्वारा अनदेखी किये जाने से अनेक गरीब व जरूरतमंद विद्यार्थियों को शिक्षा से वंचित रहना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार, चामोर्शी पंचायत समिति के तहत जिला परिषद की कुल 194 शालाएं शुरू है। इन शालाओं में से तलोधी केंद्र के तहत आने वाले बावनचुआ, आष्टी केंद्र के सिंगमपल्ली, कुनघाड़ा केंद्र के भेंडीकन्हार, घोट केंद्र के शांतिनगर और मक्केपल्ली केंद्र के तहत आने वाले मक्केपल्ली माल स्थित जिला परिषद शालाआंे में एक भी शिक्षक कार्यरत नहीं होने की जानकारी मिली है। उल्लेखनीय यह हैं कि, इन शालाओं में 1 से 4 थीं तक की कक्षाएं है। यहां पर विद्यार्थियों के दाखिले भी किये गये है।
विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए स्थायी शिक्षक नहीं होने से विद्यार्थियों का लगातार शैक्षणिक नुकसान हो रहा है। संबंधित गांवों के नागरिकों समेत शाला प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों ने अनेक बार शिक्षा विभाग को समस्या से अवगत कराते हुए शिक्षक के नियुक्ति की मांग की है। लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा इस मांग पर निरंतर रूप से अनदेखी की जा रहीं है। इस वर्ष का शैक्षणिक सत्र शुरू होकर अब 1 महिने की कालावधि पूर्ण हो रहीं है। लेकिन चामोर्शी पंचायत समिति के तहत शिक्षा विभाग में रिक्त पदों का अंबार अब तक भरा नहीं गया है। जानकारी के अनुसार, शिक्षा विभाग में केंद्र प्रमुख के 5, उच्च श्रेणी प्रधानाध्यापक के 8, स्नातक प्राथमिक शिक्षकों के 30, विषय शिक्षकों के 20, प्राथमिक शिक्षकों के सर्वाधिक 87 और शिक्षा विस्तार अधिकारी का 1 ऐसे कुल 151 पद रिक्त पड़े हुए है। फलस्वरूप चामोर्शी तहसील में शिक्षा क्षेत्र में क्रांति कैसे होगी? ऐसा सवाल अभिभावकों द्वारा किया जा रहा है।
Created On :   19 July 2024 2:25 PM IST