मांग: रेत, मुरूम और मिट्टी के अवैध उत्खनन के खिलाफ बेमियादी ठिया आंदोलन

रेत, मुरूम और मिट्टी के अवैध उत्खनन के खिलाफ बेमियादी ठिया आंदोलन
  • वनविभाग के अधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप
  • वनाधिकारी व ठेकेदार के खिलाफ कानूनन कार्रवाई करने की मांग
  • मामले की जांच कर दाेषियों पर कार्रवाई करने उठाई आवाज

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली । जिले के गड़चिरोली, आलापल्ली और भामरागढ़ वनविभाग के तहत शुरू किए गए विभिन्न विकास कार्यों में ठेकेदारों द्वारा अवैध रूप से उत्खनन किया जा रहा है। वनविभाग के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर रेत, मिट्टी और मुरूम की अवैध रूप से चोरी की जा रही है जिसमें स्वयं वनविभाग के राजस्व पर ही असर होने लगा है।

इस संदर्भ में वनविभाग से लगातार शिकायतंे करने के बाद भी अनदेखी किए जाने से इस मामले की सख्त कार्रवाई करने और अवैध उत्खनन में लिप्त वनाधिकारी व ठेकेदार के खिलाफ कानूनन कार्रवाई करने की मांग काे लेकर मंगलवार, 11 जून से सामाजिक कार्यकर्ता योगाजी कुडवे ने यहां के मुख्य वनसंरक्षक कार्यालय के समक्ष बेमियादी ठिया आंदोलन शुरू किया है। आंदोलन के पहले दिन कुडवे के साथ विलास भानारकर उपस्थित थे। ज्ञापन में कुडवे ने बताया कि, आलापल्ली वनविभाग के तहत पेड्डीगुडम वनपरिक्षेत्र के मुखड़ी उपक्षेत्र में बड़े पैमाने पर नालों से रेत का उत्खनन किया गया है। इसे जिम्मेदार वनपाल, वनरक्षक को तत्काल निलंबित करने, एटापल्ली वन परिक्षेत्र के कारसपल्ली क्रासिंग से ताड़पल्ली और दोड्डी-तांबड़ा सड़क निर्माणकार्य के लिए भी ठेकेदार द्वारा बड़े पैमाने पर मिट्टी व मुरूम का उत्खनन किया गया है।

इस पूरे मामले की जांच कर दाेषियों पर कार्रवाई करने, गड़चिरोली वनविभाग के धानोरा वन परिक्षेत्र के तहत आने वाले रांगी-जांभली-दवंडी सड़क निर्माणकार्य के लिए जेसीबी की मदद से मुरूम व मिट्टी का उत्खनन किया । इसकी जांच कर इस वन परिक्षेत्र के दोषी वनाधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग कुडवे ने की हंै। संबंधित ठेकेदारों के िखलाफ वन अपराध दर्ज कर उनसे पांच गुना जुर्माना वसूल करने की मांग भी कुडवे ने आंदोलन के दौरान की है। मांगों की पूर्ति होने तक यह आंदोलन समाप्त नहीं करने का निर्णय भी कुडवे ने लिया है। पहले दिन किसी भी वनाधिकारी ने आंदोलन स्थल पर पहुंचकर भेंट नहीं दी।


Created On :   12 Jun 2024 11:59 AM GMT

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