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उपाय: गड़चिरोली में बारिश से बचने अब किराए के गोदामों में रखा जाएगा खुले में पड़ा धान
- गड़चिरोली व अहेरी के आविम ने तैयार किया प्रस्ताव
- 22 करोड़ रुपए का खर्च अपेक्षित
- धान को भिगने से बचाने के लिए नियोजन
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। धान उत्पादक गड़चिरोली जिले में हर वर्ष खरीफ सत्र की समाप्ति के बाद आदिवासी विकास महामंडल द्वारा किसानों से धान की खरीदी की जाती है। लेेकिन खरीदे गये धान को मिलिंग के लिए नहीं पहुंचाने के कारण वर्तमान में अधिकांश धान खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है। जिले में 194 करोड़ रुपए का कुल 8 लाख 94 हजार क्विंटल धान विभिन्न खरीदी केंद्र के परिसर में तिरपाल ढांककर खुले आसमान के नीचे रखा गया है।
मौसम विभाग द्वारा संभावित बेमौसम बारिश के चलते इस धान को भिगने से बचाने के लिए अब आदिवासी विकास महामंडल ने किराए के गोदाम लेने का नियोजन किया है। जिले के गड़चिरोली और अहेरी स्थित आदिवासी विकास महामंडाल के उपप्रादेशिक कार्यालय ने इस कार्य के लिए प्रस्ताव भी तैयार किया है। जिसे नासिक के प्रबंधकीय संचालक कार्यालय में पेश भी किया जा चुका है। किराए तत्व पर गोदाम में धान रखने के लिए तकरीबन 22 करोड़ रुपए का खर्च अपेक्षित रखा गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से गड़चिरोली जिले में बेमौसम बारिश का दौर शुरू है। हालांकि वर्तमान में बारिश का दौर थम गया है, लेकिन मौसम विभाग ने आगामी गुरुवार, 23 मई तक यलो अलर्ट घोषित करते हुए बारिश की संभावना व्यक्त की है। इस कारण किसी भी समय आविम को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस नुकसान से बचने के लिए केंद्र पर पड़ा धान तिरपाल से ढांककर रखा जा रहा है। गड़चिरोली के प्रादेशिक कार्यालय की ओर से शुरू वर्ष में 50 केंद्रों से धान की खरीदी की गयी। इनमें से अब भी 100 करोड़ रुपए से अधिक का धान तिरपाल ढांककर रखा गया है। गड़चिरोली कार्यालय के तहत 4 लाख 85 हजार क्विंटल तो अहेरी कार्यालय के तहत 8 लाख 55 हजार क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे पड़ा है। आगामी कुछ ही दिनों में बारिश शुरू होगी। लेकिन अब तक यह धान मिलिंग के लिए राइस मिलों तक पहुंचाया नहीं गया है। इस कारण अब इस धान की सुरक्षा के लिए किराए तत्व पर गोदाम लेने का नियोजन आदिवासी विकास महामंडल ने किया है। इस कार्य के लिए तकरीबन 22 करोड़ रुपए अपेक्षित होने की जानकारी भी सामने आयी है।
Created On :   22 May 2024 3:37 PM IST