समस्या: यहां आसान नहीं अंतिम संस्कार, खटिया पर शव उठाकर ले जाना पड़ता है नाला पार

यहां आसान नहीं अंतिम संस्कार, खटिया पर शव उठाकर ले जाना पड़ता है नाला पार
  • बरसों से विकास के लिए तरस रहे भामरागढ़ तहसील के आदिवासी नागरिक
  • बारिश में हो जाते हैं बुरे हाल

डिजिटल डेस्क, भामरागढ़ (गड़चिरोली)। सरकार लाख दावे कर ले कि, आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले का विकास हो रहा है, लेकिन वास्तविकता आज भी जस की तस है। ग्रामीणों को आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसना पड़ रहा है। इतना ही नहीं आदिवासियों के जीवन में मृत्यु के बाद भी यातनाएं ही नसीब हो रहीं हैं। इसका जीता जागता उदाहरण तहसील के लाहेरी से समीपस्थ गुंडेनुर में दिखायी दिया। गुंडेनुर नाले में सदियों से पुल का निर्माणकार्य नहीं किए जाने से आदिवासी ग्रामीणों को एक खाट की मदद से नदी पार कर शव गांव तक पहुंचाना पड़ा। मृत व्यक्ति का नाम गुंडेनूर गांव निवासी कटिया करिया पुंगाटी (50) होकर नदी पार कर शव पहुंचाने के बाद लोगों ने अंतिम संस्कार की विधि पूर्ण की।

आदिवासी बहुल और सर्वाधिक नक्सल प्रभावित के रूप में भामरागढ़ परिचित है। तहसील का लाहेरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राज्य के आखिरी छोर पर बसा अस्पताल है। लाहेरी क्षेत्र समेत छत्तीसगढ़ राज्य के मरीज भी उपचार हेतु इसी सरकारी अस्पताल में पहुंचते हैं। लेकिन लाहेरी से चार किमी की दूरी पर स्थित गुंडेनूर नाले पर पुल नहीं होने से क्षेत्र के आदिवासियों को बारिश के दिनों में जानलेवा सफर कर नाले को पार करना पड़ता है। गुंडेनूर नाले के पार कुवाकोड़ी, दामनमर्का, फोदेवाड़ा, बिनागुंडा, पुंगासुर, पेरमिलभट्‌टी, गुंडेनूर आदि गांव बसे हुए हैं। बारिश के दिनों में इन गांवों के लोगों को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसी बीच गत 4 अक्टूबर को गुंडेनूर निवासी कटिया पुंगाटी की तबीयत अचानक खराब हो जाने से गांव के नागरिकों ने उसे सुबह 10 बजे के दौरान लाहेरी के अस्पताल में भर्ती कराया। हालत चिंताजनक होने से उसे तत्काल भामरागढ़ के ग्रामीण अस्पताल में रेफर किया गया। उपचार के दौरान इसी रात को ग्रामीण अस्पताल में कटिया की मृत्यु हो गयी। रात के समय शव को गांव तक पहुंचाना कठिन होने से 5 अक्टूबर की सुबह गुंडेनूर के नागरिकाें ने एक ट्रैक्टर की व्यवस्था कर शव को गुंडेनूर नाले तक पहुंचाया। वर्तमान में यह नाला पूरी तरह उफान पर है। यहां पर किसी तरह का पुल नहीं होने से लोगों ने एक खाट से शव को नदी पार कर गांव तक पहुंचाया। कुछ युवकों ने नदी पार करते समय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया है जिसके चलते यह घटना उजागर हुई। इस घटना के चलते केंद्र व राज्य सरकार के सारे दावे एक बार फिर फेल नजर आ रहे हैं।

Created On :   10 Oct 2023 10:07 AM GMT

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