समर्पण: गड़चिरोली में 16 लाख की इनामी दो महिला नक्सलियों ने किया सरेंडर

गड़चिरोली में 16 लाख की इनामी दो महिला नक्सलियों ने किया सरेंडर
  • नक्सल आंदोलन को एक बार फिर लगा करारा झटका
  • पहले दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्यों ने किया सरेंडर
  • सुस्त पड़ रही नक्सलियों की चाल

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली । नक्सलियों के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्य गिरीधर और डीवीसीएम संगीत के आत्मसमर्पण के बाद गुरुवार, 27 जून को 16 लाख इनामी 2 महिला सेक्शन कमांडर ने भी जिला पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। नक्सल आंदोलन लगातार बढ़ रही परेशानियों से तंग आकर दोनों महिला नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। राज्य सरकार द्वारा दोनों महिला नक्सलियों के आत्मसमर्पण के लिए 5-5 लाख रुपए मंजूर किए जाने की जानकारी जिला पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल ने दी है।

आत्मसमर्पित महिला नक्सलियों में एटापल्ली तहसील के झारेवाड़ा गांव निवासी प्लाटून पार्टी कमेटी सदस्य, एरिया कमेटी सदस्य और कंपनी क्रमांक 10 की सेक्शन कमांडर बाली उर्फ रामबत्ती उर्फ झरीना नरोटे (28) और धानोरा तहसील के ग्राम कटेझरी निवासी प्लाटून पार्टी कमेटी सदस्य, एरिया कमेटी सदस्य और कंपनी क्रमांक 10 की सेक्शन कमांडर शशीकला उर्फ चंद्रकला उर्फ सुनंदा उर्फ मनीषा उईके (29) शामिल है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार 8 लाख रुपए इनामी बाली उर्फ झरीना नरोटे के खिलाफ जिले के विभिन्न पुलिस थानों में कुल 21 गंभीर मामले दर्ज हैं जिसमें 10 मुठभेड़, 1 आगजनी, 1 अपहरण और अन्य 9 मामले शामिल हैं। आत्मसमर्पण के बाद केंद्र व राज्य सरकार ने उसके पुनर्वसन के लिए 5 लाख रुपए की निधि मंजूर की है। वहीं 8 लाख रुपए इनामी शशीकला उर्फ मनीषा उईके के खिलाफ विभिन्न पुिलस थानों में कुल 8 मामले दर्ज है। जिसमें 6 मुठभेड़ और 2 अन्य मामलों का समावेश है। केंद्र व राज्य सरकार ने उसके पुनर्वसन के लिए भी 5 लाख रुपए की निधि मंजूर की है। नक्सली गिरिधर और संगीता के आत्मसमर्पण के बाद एकसाथ 2 महिला नक्सलियों द्वारा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने से एक बार फिर नक्सल आंदोलन को करारा झटका लगा है।

आत्मसमर्पण के कारण.. दलम के वरिष्ठ माओवादियों द्वारा लोगों से जबरन पैसों की वसूली कर यह पैसे स्वयं के लिए खर्च करना, दलम में महिला सदस्यों से भेदभव जनक बर्ताव करना, वरिष्ठों द्वारा अपने लाभ के लिए गांव के युवाओं का लाभ उठाना, विवाह होने के बाद भी दलम में अविवाहित जैसा जीवन व्यतीत करना, मुखबिरी के संदेह में मासूम लोगों की हत्या करना, मुठभेड़ के दौरान महिला साथियों का साथ न देना, दलम में बीमार पड़ने पर समय पर उपचार न मिलना, समय पर भोजन न मिलना आदि कारणों से तंग आकर बाली और शशीकला ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया।

Created On :   28 Jun 2024 4:49 PM IST

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