संरक्षण की दरकार: अतिक्रमण से समाप्त हो रहा तालाबों का अस्तित्व, मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना जल गंगा संवर्धन अभियान से नागरिकों को बड़ी उम्मीदें
- शहर में तालाबों को संरक्षण की दरकार
- घरौला तालाब में मेढ़ तक निर्माण
- तालाबों को लेकर क्या कहते हैं शहर के नागरिक
डिजिटल डेस्क, शहडोल। मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी जल गंगा संवर्धन अभियान प्रारंभ होने के पांच दिन बाद भी शहर के तालाबों से अतिक्रमण हटाकर बफर एरिया चिन्हित करने में प्रशासन का रवैया उदासीन बना हुआ है। शहर के प्रमुख तालाब में मेढ़ से लेकर कैचमेंट एरिया तक खुलेआम अतिक्रमण कर मकान का निर्माण कर लिया गया। समय रहते अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं होने अधिकांश तालाब विलुप्त हो गए। जो बचे हैं वे भी धीरे-धीरे विलुप्तता की कगार पर पहुंच गए हैं। सीएमओ का कहना है कि बारिश के मौसम में अतिक्रमण कारियों को कैसे बेघर कर दिया जाए।
घरौला तालाब में मेढ़ तक निर्माण
संभागीय मुख्यालय स्थित वार्ड क्रमांक 19 व 22 के बीच घरौला तालाब में अतिक्रमण कर मेढ़ तक निर्माण कर लिया गया है। स्थानीय पार्षद ने बताया कि वार्डवासियों ने एसडीएम सोहागपुर से 25 जनवरी को नामजद शिकायत में बताया कि किन लोगों द्वारा तालाब की मेढ़ पर अतिक्रमण किया गया है। इसके बाद भी कार्रवाई नहीं की गई। तालाब से अतिक्रमण हटाने में प्रशासन के उदासीन रवैये के कारण ही तालाबों का अस्तित्व संकट में है।
तालाबों को लेकर क्या कहते हैं शहर के नागरिक
कभी सहस्त्र तालाबों की नगरी थी शहडोल। तालाब में हो रहे अतिक्रमण पर कार्रवाई में प्रशासन की लापरवाही के कारण शहर के अधिकांश तालाब विलुप्त हो गए। जो बचे हैं वे भी संकट में हैं। प्रशासन को चाहिए कि तालाब से अतिक्रमण हटाएं, लोग बेघर हो रहे हैं तो उन्हे गोरतरा व दूसरे स्थान पर जगह दे दिया जाए।
अनुपम अनुराग अवस्थी वरिष्ठ नागरिक ने कहा कि मुख्यमंत्री तालाबों को जीवन देने के लिए जल गंगा संवर्धन अभियान चला रहे हैं और शहर में कुछ अधिकारी मुख्यमंत्री की मंशा को ही तार-तार कर रहे हैं। तालाबों का बफर एरिया चिन्हित नहीं किया गया तो पौधरोपण कैसे होगा। बड़े तालाबों में बफर एरिया चिन्हित करने से पहले अतिक्रमण भी हटाना होगा।
अमित मिश्रा पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा युवा मोर्चा ने कहा कि शहर के तालाबों से अतिक्रमण जरूर हटना चाहिए। इसके लिए राजस्व विभाग को गंभीरता से काम करने की जरूरत है। जिन लोगों ने तालाब के मेढ़ पर अतिक्रमण कर मकान बना लिया है तो उन्हे प्रधानमंत्री आवास के चिन्हित 12 एकड़ जमीन में जगह दे दिया जाए। इससे तालाबों का अतिक्रमण हटाने में सहूलियत होगी।
प्रवीण शर्मा डोली उपाध्यक्ष नगर पालिका शहडोल ने कहा कि घरौला तालाब के मेढ़ पर कई लोगों ने नाली के अंदर हाल ही में निर्माण किया है। ऐसा निर्माण इसलिए हो रहा है क्योंकि प्रशासन के अधिकारियों ने अतिक्रमण पर एक तरह से आंख मूंद ली है। कार्रवाई नहीं होने के कारण ही अतिक्रमणकारियों का हौसला लगातार बढ़ रहा है।
Created On :   11 Jun 2024 2:53 PM IST