Chhindwara News: पातालकोट के लाल का कमाल, भारिया जनजाति से बना पहला डिप्टी कलेक्टर

पातालकोट के लाल का कमाल, भारिया जनजाति से बना पहला डिप्टी कलेक्टर
  • पातालकोट के लाल का कमाल
  • भारिया जनजाति से बना पहला डिप्टी कलेक्टर
  • पातालकोट के कारेआम में रहता था परिवार, मजदूरी के लिए किया था पलायन

Chhindwara News: आदिवासी अंचल पातालकोट के कारेआम के रहने वाले भारिया परिवार का लाल निशांत भूरिया आज भारिया जनजाति के युवाओं का रोल मॉडल बन गया है। जो कि अपनी जनजाति का पहला डिप्टी कलेक्टर है। बताया जाता है कि मजदूरी के लिए इस परिवार ने सालों पहले पलायन किया था। तभी से वे जबलपुर में बस गए थे। जानकारी अनुसार मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की 2022 की परीक्षा में अनुसूचित जनजाति में जबलपुर के निशांत भूरिया ने पहला स्थान पाया है। निशांत भूरिया मूलत: छिंदवाड़ा जिले के आदिवासी अंचल तामिया के तालाकोट के ग्राम कारेआम के रहने वाले है। निशांत ने बताया कि उनके जन्म के पहले उनके पिता मुकेश भूरिया मजदूरी की तलाश में जबलपुर आए थे। तब से वे यहीं बस गए। मुकेश भूरिया साक्षर हैं और निशांत की मां तो बिल्कुल भी पढ़ी लिखी नहीं है। हालांकि निशांत की पूरी पढ़ाई जबलपुर में हुई है।

बारहवीं में भी टॉपर रहे थे निशांत

निशांत भूरिया की पढ़ाई जबलपुर के लज्जा शंकर झा मॉडल हाई स्कूल से हुई। यहां निशांत ने गणित विषय से 12वीं की परीक्षा 93 प्रतिशत अंकों से पास की थी। यहीं से उन्होंने इंजीनियरिंग का एंट्रेंस निकाला और जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिया।

पिछड़ी जनजाति का पहला डिप्टी कलेक्टर

भारिया जनजाति मध्य प्रदेश की एक बेहद पिछड़ी जनजाति मानी जाती है। जो कि सिर्फ छिंदवाड़ा जिले में पाई जाति है। निशांत भूरिया के शिक्षक और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाने वाले सिद्धार्थ गौतम का दावा है कि भारिया जनजाति में पहली बार कोई डिप्टी कलेक्टर तक के पद पर पहुंचा है।

सांसद बंटी विवेक साहू ने निशांत को मोबाइल पर दी बधाई

सांसद बंटी विवेक साहू ने पीएससी टॉपर निशांत भूरिया को मोबाईल पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि निशांत भारिया जनजाति के युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गए हैं।

Created On :   22 Jan 2025 3:57 PM IST

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