अंबाजोगाई: भवन के अभाव में पिछले 10 साल से पेड़ के नीचे लग रहा स्कूल, बारिश से बचने एक शख्स ने दिया अपना घर

भवन के अभाव में पिछले 10 साल से पेड़ के नीचे लग रहा स्कूल, बारिश से बचने एक शख्स ने दिया अपना घर
  • प्रशासन गंभीर नहीं
  • बारीश के मौसम में मिट्‌टी के घर में स्कूल
  • 10 साल से पेड़ के नीचे लग रहा स्कूल

डिजिटल डेस्क, बीड। अंबाजोगाई तहसील की चनई ग्रामपंचायत अतर्गत जिला परिषद का सरकारी स्कूल पिछले 10 साल से पेड़ के नीचे लग रहा है। कक्षा पहली से पांचवी तक खुले आसमान के नीचे चल रहा है। स्कूल भवन नहीं होने के कारण हर मौसम में छात्र-छात्राएं परेशानी से पढ़ाई कर रहे हैं। चनई वस्ती तांडा में स्कूल भवन के लिए कम से कम 1 कमरा बनाने के लिए धन उपलब्ध कराया जाए। इसकी मांग की गई है। कलेक्टर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद, शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक) जिला परिषद को लिखित रूप से ज्ञापन दिया गया है। बारिश में बच्चों को भीगना न पड़े, इसलिए डॉ. गणेश ढवले ने अपना घर उपलब्ध कराया है।


100 की आबादी वाले गांव में प्राथमिक स्कूल 2014 से शुरू हुआ था, इस स्कूल में कक्षा पहली से पांचवी तक छात्र पढ़ते हैं । प्रशासन की लापरवाही से नीम के पेड़ के नीचे जारी स्कूल को भवन नहीं मिल पा रहा। स्कूल में नियुक्त दोनों शिक्षक आते हैं, पेड़ के नीचे बच्चों का इकठ्ठा कर पढ़ाना शुरु कर देेते हैं। उसी पेड़ के नीचे जमीन पर छात्रों को पढ़ाया जाता है।

बस्ती में लहू आडे ने छात्रों को अपना आवासीय घर दिया है। ताकि बारिश के मौसम में कीचड़ होने के कारण उनकी पढ़ाई न छूटे। यहां जन प्रतिनिधियों और अधिकारी वर्ग में संवेदनशीलता नहीं देखी गई। सामाजिक कार्यकर्ता और बीड जिला सूचना अधिकार कार्यकर्ता महासंघ के मुख्य प्रचार प्रमुख डॉ. गणेश ढवले ने अनुरोध किया कि कम से कम 1 कमरा बनाने के लिए धन उपलब्ध कराया जाए। इसे लेकर कलेक्टर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद, शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक) जिला परिषद बीड को लिखित रूप से ज्ञापन दिया गया है।


यह भी पढ़े -डॉ. अनुराग बत्रा बने इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ टेलीविजन आर्ट्स एंड साइंसेज के सदस्य

बारीश के मौसम में मिट्‌टी के घर में स्कूल

डॉ. गणेश ढवले के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यार्थियों की शिक्षा को लेकर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को कोई चिंता नहीं, स्कूल के लिए कोई इमारत नहीं है, इसलिए स्कूल 10 साल से नींम के पेड़ के नीचे चल रहा है, हालांकि बारिश के मौसम में कीचड़ हो जाता है, ताकि बच्चे शिक्षा से वंचित न हों, लहू आडे ने अपना घर उपलब्ध कराया है। हम दिन भर खेत में काम करने जाते हैं, इसलिए हमारे घर में स्कूल चलाया जाए।

प्रशासन गंभीर नहीं

जिले में जिला परिषद के 11 तहसीलो में 349 स्कूलों की 592 कक्षाओं के हाल खराब हैं। 469 स्कूलों में 856 कक्षाओं की तत्काल मरम्मत की आवश्यकता है, हालांकि, धार्मिक स्थानों के लिए करोड़ों का फंड उपलब्ध हो जाता है, लेकिन जब बात शिक्षा की आती है तो लापरवाही भी साफ नजर आती है।

Created On :   12 July 2024 1:09 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story