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Beed News: बैन के बावजूद प्लास्टिक कैरीबैग का धड़ल्ले से हो रहा है उपयोग
- प्लास्टिक कैरी बैंग के प्रदूषण से स्वास्थ्य को खतरा
- बैन के बावजूद हो रहा उपयोग
Beed News : माजलगांव, गेवराई, आष्टी, पाटोदा, शिरूर कासार, परली, गेवराई, केज, अंबाजोगाई, वडवणी, किल्ले धारूर सहित कई इलाकों में प्लास्टिक कैरी बैग्ज का धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। जिले के नगर निगम और नगर पंचायत प्रशासन की अनदेखी से प्लास्टिक कैरी बैग बैन होने के बावजूद धड़ल्ले से बिक रहे हैं। प्लास्टिक डिस्पोज नहीं होने के कारण पर्यावरण के लिए हमेशा खतरा बना हुआ है़। राज्य सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक कैरी बैग का उत्पादन, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर पाबंदी लगाई है़। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए है़ं। शहर और जिले में धड़ल्ले से प्लास्टिक बैग का उपयोग होता दिखाई दे रहा है।
कार्रवाई का कोई अता-पता नहीं होने से प्लास्टिक बंदी कागजातों पर ही सीमित रह गई है। केंद्र सरकार के 12 अगस्त 2021 के अध्यादेश के अनुसार सिंगल यूज प्लास्टिक पर 1 जुलाई 2022 से पूर्णत पाबंदी लगाने के आदेश है। केवल दिखावे के लिए प्रशासन की तरफ से कुछ प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई की गई, जिसके बाद यह मुहिम ठंडे बस्ते में पड़ गई है।
प्लास्टिक और कैरी बैग के प्रदूषण से होने वाली बीमारियां
दमा
पलमोनेरी कैंसर (फेफड़ों के द्वारा जहरीली गैसों में सांस लेने के कारण होता है)
लिवर को नुकसान
तंत्रिका और मस्तिष्क को नुकसान
गुर्दे की बीमारी
बर्थ डिसॉर्डर का रिस्क
गर्भावस्था संबंधित विकार
अलर्जी सहित आदि बीमारियां होने का खतरा है। इसलिए प्लास्टिक की विभिन्न वस्तु बिचने वाले पर कार्रवाई आवश्कता है।
प्लास्टिक और कैरी बैग के उपयोग के खतरे
प्लास्टिक की विभिन्न वस्तु नालियों में पानी के बहाव रोकता है।
प्लास्टिक की विभिन्न वस्तु खाने से मवेशियों की मृत्यु हो सकती है।
जल, वायु और मिट्टी का प्रदूषण।
प्लास्टिक की थैलियों में भरा भोजन दूषित हो जाता है।
कैंसर का कारण बनता है।
Created On :   17 Dec 2024 6:05 PM IST