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जीवन: मंदिर के सामने टोकरी में छोड़ गए थे जन्मदाता, तलाशते हुए फ्रांस से सीधे परली वैद्यनाथ पहुंची युवती
- फ्रांस के दंपति ने 21 साल पहले लिया गोद
- पालन-पोषण कर दी अच्छी जिंदगी
- जन्मदाताओं की तलाश है जारी
सुनील चौरे, बीड । एक युवती अपने जन्मदाता की तलाश में फ्रांस से सीधे बीड परली पहुंची है। बीड के परली के वैजनाथ मंदिर के सामने 22 साल पहले एक नवजात बच्ची को फेंक दिया गया था। फ्रांस के एक दंपति ने इसे गोद लिया और उसकी देखभाल की। अब युवती अपने मूल जन्मदाता की तलाश में परली वैद्यनाथ में दाखिल हुई है। वह स्थानीय लोगों की मदद से अपने माता-पिता की तलाश कर रही है।
जानकारी के अनुसार, 8 जून 2002 को परली के वैद्यनाथ मंदिर क्षेत्र में मंदिर के पुजारी विनायक खिस्ते को एक टोकरी में एक नवजात मिला था। उन्होंने इसकी सूचना परली वैद्यनाथ पुलिस को दी। इसके बाद शिशु को बालकश्रम पंढरपुर में भर्ती कराया गया। वहां से 29 जून 2002 को प्रीतम मंदिर पुणे में भर्ती कराया गया। वहां से उसे फ्रांस के एक असंते दंपत्ति ने गोद ले लिया। इसके बाद असंते दंपति ने 21 साल तक पालन-पोषण किया लड़की आज 22 साल की हो गई है। उसका नाम नेहा असंते है।हालाँकि, जब असंते दम्पति ने उसे उसके बचपन के बारे में सब बताया, तो उसे आश्चर्य हुआ । माता-पिता को ढूंढने के लिए वह अब सीधे भारत आ गई है और फिलहाल वह परली पहुंच गई हैं।
लड़की की मदद के लिए आए स्थानीय लोग : बीड की वकील अंजलि पवार लड़की की मदद के लिए आगे आई हैं। इसके लिए उन्होंने 2020 से रिसर्च शुरू कर दिया है। अंबाजोगाई के दगडू दादा लोमटे और परली के बालासाहेब देशमुख की मदद से उन्होंने पुजारी खिस्ते की खोज की। साथ ही थाने के रिकार्ड भी खंगाले। जिस किसी को भी यमुली के बारे में जानकारी हो, उससे अंजलि पवार से संपर्क करने का अनुरोध किया गया है। तो अब ये देखना अहम होगा कि क्या इस बच्ची के माता-पिता मिल पाएंगे और उन्हें इसमें कितनी सफलता मिलती है.
अब मैं अपने असली माता-पिता को ढूंढना चाहती हूं : नेहा असंते उस वक्त एक अलग ही अनुभव का सामना कर रही थीं। उन्होंने कहा, ''मैं अब 21 साल बाद उन लोगों से मिली हूं जिन्होंने मुझे बचाया। इसलिए अब मैं बहुत खुश और भावुक हूं.' यहां आकर मुझे बहुत अच्छा लगा। मैंने वह स्थान देखा जहाँ मेरे जन्मदाता माता-पिता ने मुझे छोड़ा था। अब मैं अपने असली माता-पिता को ढूंढना चाहती हूं और इसके लिए मुझे आपकी मदद चाहिए।
फ्रांस में विदेशी बच्चों को भाषा सिखाती थी : बीड के परली वैद्यनाथ में जन्मी नेहा पिछले 21 साल से फ्रांस में रहने से पूरी पढ़ाई फ्रांस भाषा से हुई।पिछले कई सालो से नेहा फ्रांस में विदेशों से आए हुए बच्चों को फ्रांस भाषा सिखाती थी।
Created On :   29 Feb 2024 4:29 PM IST