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आवाज उठाई: 5 सितंबर तक विकलांगों की मांगें नहीं मानी तो 22 को धड़केंगे मुंबई
- विधायक कडू ने बगैर अनुमति आक्रोश मोर्चा निकालकर दी चेतावनी
- पुलिस ने यातायात रोककर दिव्यांगों काे कराया रास्ता पार
- हजारों की संख्या मेंआंजोलन स्थल पर पहुंचे विकलांग
डिजिटल डेस्क, छत्रपति संभाजीनगर। प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता विधायक बच्चू कडू के नेतृत्व में अगस्त क्रांति दिवस के उपलक्ष्य में छत्रपति संभाजीनगर में 9 अगस्त को विकलांगों का विभिन्न मांगों को लेकर क्रांति चौक से संभागीय आयुक्त कार्यालय तक आक्रोश मोर्चा निकाला गया। इस मोर्चा के जरिए विधायक बच्चू कडू ने सरकार के सामने किसान, दिव्यांग, प्रकल्पग्रस्त, कामगार सहित अन्य की अनेक मांगें रखी। एक दिन पहले आक्रोश मोर्चा को पुलिस ने अनुमति नहीं दी। उसके बावजूद विधायक बच्चू कडू ने डंके की चाेट मोर्चा निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया। सरकार को आगामी 5 सितंबर तक मांगें पूरी करने का अल्टीमेटम दिया गया। वरना 22 सितंबर को मंुबई पर मोर्चा निकालने की चेतावनी दी गई। विधायक बच्चू कडू की अपील पर नागपंचमी त्योहार होने के बावजूद संपूर्ण राज्य से हजारों की संख्या में विकलांग लोग बढ़ चढ़कर शामिल हुए। शहर के अनेक रास्तों पर विकलांग ही विकलांग नजर आए। रास्ते से गुजरते समय विकलांग को दिक्कत नहीं आई। इस हेतु से अनेक चौक में पुलिस तैनात किए गए। अनेक जगहों पर पुलिस ने यातायात रोककर दिव्यांगों काे रास्ता पार कराया।
राज्य में किसानों के प्रश्नों पर आक्रामक होकर विधायक बच्चू कडू ने कुछ मांगें रखी। उसमें स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश लागू करें। किसानों को कर्जमाफी करें। फलोत्पादक किसानाें के लिए विशेष पैकेज दें। खेत मजदूरों के लिए स्वतंत्र योजना शुरू करें। प्याज निर्यात प्रतिबंध नीति बनाई जाए। दिव्यांगों के मासिक वेतन में वृद्धि करें। दिव्यांगाें के लिए स्वतंत्र विश्वविद्यालय शुरू करें। प्रकल्पग्रस्तों के लिए स्वतंत्र महामंडल शुरू करें। शहर एवं ग्रामीण घरकुल योजना के निधि में समानता लाए। बेघरों को मकान दिया जाए। अंशकालिक सरकारी कर्मचारियों का वेतन बढ़ाया जाए। मंुबई में राज्यपाल के बंगले की निलामी करके वह पैसा योजना में इस्तेमाल करें। मंुबई में पारसी व्यापारियों ने हड़प की हुई जमीन सरकार को सौंपी जाए। इस तरह अन्य मांगों को लेकर मोर्चा निकाला गया।
विधायक बच्चू कडू ने कहा कि आक्रोश मोर्चा के जरिए अनेक मांगें की गई। सरकार ने तत्काल मांगें मंजूर करके शासन निर्णय निकाला, तो आगामी विधानसभा चुनाव स्वतंत्र रुप से लड़ने के बारे में दो कदम वापस आकर महायुति को समर्थन देंगे। सरकार ने अगर यह मांगों का विचार नहीं किया, तो किसान, दिव्यांग, खेत मजदूर, कामगार सहित अन्य को साथ लेकर विधानसभा चुनाव के मैदान में पूरी ताकत के साथ उतरेंगे, ऐसी चेतावनी भी उन्होंने दी। इस अवसर पर विधायक राजकुमार पटेल, बल्लू जवंजाल, प्रदेशाध्यक्ष अनिल गावंडे, रामदास खोत, कुणाल राऊत सहित अन्य उपस्थित थे।
Created On :   10 Aug 2024 3:15 PM IST