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औरंगाबाद खंडपीठ: हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति 27 को करेंगे जल परियोजना का मुआयना, औट्रम घाट का भी जायजा
- औट्रम घाट का भी किया मुआयना
- संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में समिति भी गठित
डिजिटल डेस्क, छत्रपति संभाजीनगर। बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ के न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे व न्यायमूर्ति आर.एम. जोशी स्वयं 27 अप्रैल काे शहर के लिए शुरू 2,740 करोड़ जल परियोजना के वर्तमान कार्यों की स्थिति का मुआयना करेंगे। जानकारी महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के कार्यकारी अभियंता दीपक कोली ने दी है। खंडपीठ जनहित याचिका के जरिए शहर के लिए बनाई जा रही जलापूर्ति परियोजना के सभी कामकाज संबंधी प्रयासरत है। खंडपीठ के आदेश से संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में समिति भी गठित की गई है, जो प्रत्येक महीने कामकाज की समीक्षा कर जानकारी खंडपीठ को पेश करती है। 2-3 अप्रैल को हुई लगातार सुनवाई में वर्तमान कार्य की गति व मानव संसाधन और आवश्यक सामग्री की जानकारी पेश की गई। इस कारण जलापूर्ति परियोजना का दोनों न्यायमूर्ति स्वयं मुअायना कर जानकारी लेंगे। इससे कार्य की सत्यता व उपलब्धता पर रोशनी पड़ेगी।
औट्रम घाट का भी स्वयं किया मुआयना
विशेष कि छत्रपति संभाजीनगर-धुलिया को जोड़ने वाले औट्रम घाट की संर्कीणता से यातायात की समस्या हमेशा होती थी। इस कारण खंडपीठ के आदेश से औट्रम घाट में भारी वाहनों का परिचालन बंद किया गया। घाट के यातायात का पर्यायी मार्ग सूचित करने के लिए खंडपीठ ने राष्ट्रीय महामार्ग व अन्य सरकारी तंत्रों से जानकारी मांगी थी। हाल ही में पाटणा देवी की यात्रा के दौरान न्यायमूर्तियों ने वैजापुर व गंगापुर तहसील से पर्यायी मार्ग का हल निकालने का मुआयना किया। अब इसके बाद न्यायमूर्ति जलापूर्ति परियोजना का स्वयं मुआयना कर कार्य में की जा रही गलतियों व खामियों की तह तक जाएंगे।
Created On :   4 April 2024 6:04 PM IST