Dharni News: डाबका 33केवी सब स्टेशन में लगी आग, करोड़ों के सोलर प्लांट की प्लेटें खाक

डाबका 33केवी सब स्टेशन में लगी आग, करोड़ों के सोलर प्लांट की प्लेटें खाक
  • आसपास के क्षेत्र में भारी मात्रा में घास और कचरा जमा होने के कारण आग तेजी से फैल गई
  • ग्रामीणों और नगर पंचायत की अग्निशमन टीम की मदद से काबू पाया

Dharni News . धारणी तहसील के अंतर्गत डाबका रेलवे के नाम से प्रसिद्ध डाबका 33केवी सबस्टेशन में सोमवार की सुबह अचानक आग लग गई। जिससे करोड़ों रुपये की लागत से निर्मित सोलर प्लांट के पैनल जलकर खाक हो गए। ग्रामीणों और धारणी नगर पंचायत की अग्निशमन टीम की मदद से आग पर काबू पा लिया। जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी के धारणी डिवीजन के अंतर्गत 33 केवी डाबका सबस्टेशन में सोमवार सुबह करीब 10 बजे अचानक आग लग गई।

सबस्टेशन के आसपास के क्षेत्र में भारी मात्रा में घास और कचरा जमा होने के कारण आग तेजी से फैल गई। सूचना मिलते ही डाबका गांव के ग्रामीण सबस्टेशन पहुंचे और उपलब्ध संसाधनों की मदद से आग बुझाने का प्रयास शुरू कर दिया। इस आग में चार-पांच साल पहले सरकार की ओर से करोड़ों रुपए की लागत से बनाए गए सोलर प्लांट की कुछ प्लेटें जल गईं। अनुमान लगाया जा रहा है कि यह घटना इसलिए हुई क्योंकि डाबका स्थित 33 केवी सबस्टेशन काफी समय से बंद पड़ा है। अति संवेदनशील क्षेत्र होने के बावजूद भी वहां हर जगह घास व कूड़ा फैला हुआ है। अग्निकांड में कितनी सरकारी संपत्ति नष्ट हुई, इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली।

प्लांट बंद की जानकारी नहीं

चक्रधर पटेल, सहायक अभियंता, 33 केवी डाबका सबस्टेशन ने कहा कि मैं आज छुट्टी पर हूं, डाबका स्थित 33 केवी सबस्टेशन में आग लगने की सूचना मिली है। सबस्टेशन पर केवल कचरा जलाया गया तथा सौर संयंत्र को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। मैं नया कर्मचारी हूं इसलिए मुझे नहीं पता कि सोलर प्लांट क्यों बंद है।

बंद पड़ा था प्लांट

डाबका के स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार सरकार ने चार-पांच वर्ष पूर्व डाबका 33 केवी सबस्टेशन पर सोलर प्लांट निर्माण की मंजूरी दी थी। प्रकल्प निर्माण का ठेका जिस कंपनी को दिया गया था उसकी लापरवाही और संबंधित विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही के कारण करोड़ों रुपए सरकारी धन खर्च होने के बावजूद प्लांट आज तक शुरू नहीं हो पाया। इस सोलर प्लांट से डाबका क्षेत्र के करीब 30 गांवों की बिजली समस्या का निराकरण करने का उद्देश्य था।

Created On :   4 March 2025 6:39 PM IST

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