Amravati News: अमरावती में चार्जिंग स्टेशन हुए तैयार,अब ई-बसों का है इंतजार

अमरावती में चार्जिंग स्टेशन हुए तैयार,अब  ई-बसों का है इंतजार
  • आलेक्ट्रॉ कंपनी की लेटलतीफी का खामियाजा भुगत रहा एसटी महामंडल
  • {संभागीय मुख्यालय नगरी के प्रति अनदेखी

Amravati News विदर्भ में नागपुर और चंद्रपुर जिले में ई-बसों की सेवा शुरू होने में लगभग 6 माह से ज्यादा का समय बीत चुका है। इस कारण अमरावती में चार्जिंग स्टेशन बनने के 10 दिन बाद ई-बसों के अमरावती पहुंचने का इंतजार स्थानीय एसटी महामंडल के अधिकारियों को था। किंतु एसटी के तपोवन स्थित वर्कशॉप में चार्जिंग स्टेशन बनकर पूरी तरह तैयार होने में एक माह हो चुका है।

फिर भी अमरावती के ई-बसें अभी तक नहीं पहुंची। एसटी के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक अमरावती में करीब 15 से 25 की संख्या में ई-बसें पहुंचना जरूरी था। लेकिन संभागीय मुख्लाय नगरी के प्रति अनदेखी को तकनीकी बाधाओं का कारण बताकर टाला जा रहा है। जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने राज्य के लगभग सभी विभागीय क्षेत्र में ई-बस सेवा शुरू करने का निर्णय लगभग 6 वर्ष पहले लिया था और पिछली सरकार के कार्यकाल में ई-बसों के लिए जरूरी चार्जिंग स्टेशन बनाने के साथ ही यह बसें संबंधित डिपो को उपलब्ध कर देने का ठेका ऑलेक्ट्रा कंपनी को दिया गया था।

इस कंपनी ने विदर्भ में नागपुर, चंद्रपुर और अमरावती में चार्जिंग स्टेशन बनाने का काम एकसाथ शुरू किया था। लेकिन ऑलेक्ट्रा कंपनी पर विदर्भ के अलावा भी राज्य के अनेकों जिले जहां ई-बसें शुरू करना है। वहां का भी ठेका रहने से अमरावती में चार्जिंग स्टेशन बनाने का काम ऑलेक्ट्रा कंपनी ने लगभग दो साल तक का समय लगा दिया। वर्तमान में एसटी की तपोवन स्थित कार्यशाला में 17 चार्जर लगाए गए है। वहीं समुचे परिसर का कांक्रीटीकरण का काम भी पूर्ण हुआ है। जिसकी रिपोर्ट एसटी के अधिकारियों ने ऑलेक्ट्रा कंपनी को सौंपी। बावजूद इसके समूचा अप्रैल माह बीत गया, लेकिन अमरावती में ई-बस नहीं पहुंची।

सरकार बदलने से लेटलतीफी : जानकारी के अनुसार राज्य में ई-बसें शुरू कर चार्जिंग स्टेशन बनाने से लेकर ताे बसों की व्यवस्था करने का ठेका राज्य के परिवहन विभाग ने पिछली सरकार के दौरान दिया था। वहीं विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले चंद्रपुर और नागपुर के लिए ई-बसें भेजने का अलाटमेंट भी हुआ था। इस कारण वहां आचार संहिता खत्म होते ही बसें पहुंच गई। लेकिन अमरावती में उस समय चार्जिंग स्टेशन बनाने का काम अधूरा था। इस बीच, राज्य में नई सरकार स्थापित हुई। परिवहन मंत्री बदल गए। जिससे अमरावती मंे ई-बसें अभी तक नहीं पहुंच पाई।

विधानसभा में भी उठा था मुद्दा : ई-बसों का ठेका ऑलेक्ट्रा कंपनी को भेजने के बाद अनेकों जिले हैं, जहां अभी तक बसें नहीं पहुंची हैं। जिससे यह मुद्दा विधानसभा में भी उठा था। उस समय संबंधित कंपनी को जुर्माना भी ठोका गया। इस कंपनी के साथ राज्य सरकार ने किए हुए करार के अनुसार ई-बस और उस पर चालक यह ऑलेक्ट्रा कंपनी के रहेंगे। लेकिन कंडक्टर यह एसटी महामंडल के रहेंगे। राज्य सरकार के साथ किए गए करार के अनुसार प्रति किलो मीटर रकम एसटी महामंडल कंपनी को देगा। यह करार पूर्व की सरकार के दौरान किया गया था। लेकिन वर्तमान में इस स्थिति में महामंडल को कितना लाभ होगा या नुकसान होगा। इस पर वरिष्ठ स्तर पर मंथन शुरू रहने से फिलहाल ई-बसें संबंधित जिलों को भेजने में तकनीकी बाधा आ रही है।

Created On :   30 April 2025 1:32 PM IST

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