Amravati News: ताप्ती मेगा रिचार्ज परियोजना के लिए 19 हजार करोड़ मंजूर

ताप्ती मेगा रिचार्ज परियोजना के लिए 19 हजार करोड़ मंजूर
  • महाराष्ट्र के 2.34 लाख हेक्टेयर में पुनर्भरण
  • 48 हजार हेक्टर में होगी सिंचाई
  • {पांच जिलों के लिए साबित होगा जीवनदायिनी प्रकल्प

Amravati News मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने ताप्ती मेगा रिचार्ज परियोजना की स्वीकृति का उल्लेख किया। उधर, महाराष्ट्र में सीएम देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में वित्त मंत्री अजित पवार ने राज्य सीमा में आने वाली इस परियोजना के लिए 19 हजार करोड़ की घोषणा कर समृद्धि के मार्ग के द्वार खोल दिए है। महाराष्ट्र का 2.34 लाख हेक्टेयर पुनर्भरण से लाभान्वित होने वाला है तथा 48 हजार हेक्टेयर सीधी सिंचाई से लाभ होगा।

जिसमें मध्यप्रदेश के बुरहानपुर एवं खंडवा तथा महाराष्ट्र के जलगांव, बुलढाणा, अकोला और अमरावती जिले के क्षेत्र सम्मिलित है। इस तरह महाराष्ट्र समेत 5 जिलों की जीवन दायिनी इस परियोजना के लिए 25 वर्षों से प्रयासरत पूर्व मंत्री व विधायक अर्चना चिटनिस ने बताया कि अतिशीघ्र महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एवं जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन भोपाल आकर अंतरराज्यीय बैठक में शामिल होंगे और ताप्ती मेगा रिचार्ज परियोजना का दोनों राज्य के बीच करार होगा।

उन्होंने कुछ ही दिनों पूर्व इस सिलसिले में फडणवीस व महाजन से मुंबई में भेंट कर जानकारी दी कि यह परियोजना विश्व का पायलट प्रोजेक्ट होगी और दोनों राज्यों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। इससे ना केवल क्षेत्र का समग्र विकास और भू जल उपलब्धता को सुनिश्चितता मिलेगी वरन गिरते भू जल स्तर को रोकने में मदद करने वाली होगी।

ताप्ती कछार में अदभूत भूजल गर्भीय संरचना से अवगत कराते हुए बताया कि ताप्ती कछार में सतपुड़ा पर्वत की तलहटी में ताप्ती नदी तथा सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला के समानांतर ‘‘भूभ्रंश‘‘ (फाल्ट) है। इसी भूभ्रंश से सटकर अत्यंत पाझर (परमेबल) ‘‘बजाड़ा झोन‘‘ (बजाडा झोन) पाया गया है।

प्रकृति की इस विशेषता के कारण बरसात में स्थानीय नदी नालों का पानी अधिकांश भू-जल को पुनर्भरित करता चलता हैं। भारत सरकार के भू-जल बोर्ड ने इस आश्चर्यजनक फेनोमीनन को देखते हुए संशोधन पुस्तिका प्रकाशित कर बताया है कि ताप्ती के बरसाती बाढ़ के पानी को इस भूभ्रंश से सटकर चलाया जाए तो बड़े पैमाने पर भू-जल रिचार्ज हो सकता है ऐसा निष्कर्ष भू-जल बोर्ड द्वारा निकाला गया।

देश की अभिनव परियोजना : चिटनिस के अनुसार कहा कि यह परियोजना देश व दुनिया की एक अभिनव एवं अजूबी परियोजना होने वाली हैं। यह मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र राज्य का संयुक्त उपक्रम है जो केला उत्पाद क्षेत्र के लिए एक वरदान साबित होगी। इस परियोजना में महाराष्ट्र के धारणी से ताप्ती नदी के दोनों कछार से नहरे बननी है। दोनों ओर की नहरे ताप्ती कछार में स्थित भूभ्रंश (फाल्ट) के नजदीक से गुजरने वाली है तथा इन नहरों के माध्यम से कंट्रोलेड भूजल पुनर्भरण प्रस्तावित हैं। पुनर्भरण संरचना भू स्तर को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) के वैज्ञानिक निर्धारित करेंगे। इस प्रकार भूगर्भ की संरचना का आधार लेकर लगभग एक लाख करोड़ लीटर (30 टीएमसी) पानी का हर वर्ष पुनर्भरण होना हैं।

भारत सरकार के निर्देश पर एवं मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र दोनों के निरंतर प्रयास से वापकोस नई दिल्ली कार्यालय द्वारा डीपीआर तैयार कर दिया गया है। जिसमें मध्यप्रदेश का 1.23 लाख हेक्टेयर एवं महाराष्ट्र का 2.34 लाख हेक्टेयर पुनर्भरण से लाभान्वित होने वाला है तथा 48 हजार हेक्टेयर सीधी सिंचाई से लाभ होगा। जिससे मध्यप्रदेश के बुरहानपुर एवं खंडवा तथा महाराष्ट्र के जलगांव, बुलढाणा, अकोला और अमरावती जिले के क्षेत्र सम्मिलित है। परियोजना अंतर्गत पुनर्भरण से जलस्तर बढ़ना, भूजल गुणवत्ता सुधार, महाराष्ट्र के विदर्भ के खारपण पट्टा में क्षारों की तीव्रता (डेल्यूशन) कम होकर भूजल उपयुक्तता बढ़ाना, तालाब से सीधी सिंचाई होना एवं पर्यावरण का संरक्षण व संवर्धन होने का ध्येय निश्चित है।


Created On :   12 March 2025 12:23 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story