विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की नई पहल, क्षेत्रीय भाषाओं के पाठ्यक्रमों को मिलेगी मान्यता
डिजिटल डेस्क,मुंबई। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानि कि यूजीसी ने क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहले की शुरुआत की है। दरअसल, उच्च शिक्षा के स्तर पर भी क्षेत्रीय भाषाओं में कई पाठ्यक्रमों को मान्यता देने की जल्द ही शुरुआत की जाएगी। हालांकि, कुछ समय पहले देशभर के एक दर्जन से भी ज्यादा शिक्षण संस्थानों को क्षेत्रीय भाषाओं के पाठ्यक्रमों को डिग्री देने की अनुमति दी गई है।
बता दें कि, UGC ने दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा की डिग्री, डिप्लोमा व अन्य सर्टिफिकेट्स को भी मान्यता देने का फैसला किया है। वहीं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव रजनीश जैन ने कहा कि, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा विश्वविद्यालय के उच्च शिक्षा कोर्स के सभी मानकों को पूरा करते हैं। इतना ही नहीं चेन्नई के दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा में हिंदी अनुवाद कोर्स पढ़ाया जाता है। यहां पाठ्यक्रम पूरा करने वाले छात्रों को हिंदी में दक्षता के लिए डिग्री, डिप्लोमा और प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है, जिसे अब यूजीसी की मान्यता मिल चुकी है।
यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने एक नोटिस जारी करते हुए कहा कि, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा द्वारा प्रदान की जाने वाली डिग्री को मान्यता दी गई है। ये डिग्री सभी प्रयोजनों के लिए मान्य होगी। इसके माध्यम से अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में भी एडमिशन लिया जा सकता है। उच्च शिक्षा के लिए यह डिग्री पूरी तरह मान्य है। यूजीसी द्वारा यह निर्णय दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के छात्रों की शिकायत के उपरांत लिया गया है। देश की नई कि शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अन्तर्गत स्कूल, विश्विद्यालयों, तकनीकी शिक्षा संस्थानों में क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है।
Created On :   9 Aug 2021 5:10 PM IST