IIM नागपुर में महंगी हुई पढ़ाई, 12.50 लाख रुपए फीस
डिजिटल डेस्क, नागपुर। भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) नागपुर में मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) के दो साल के पाठ्यक्रम के लिए 12 लाख 50 हजार रुपए की मोटी फीस (शुल्क) भरना जरूरी है। गौरतलब है कि IIM नागपुर संस्थान सरकारी है और इसकी फीस किसी निजी संस्थान से कम नहीं है। इसीलिए यहां एडमिशन के लिए होड़ लगी रहती है।
फीस स्ट्रक्चर वेबसाइट पर उपलब्ध
IIM नागपुर की कक्षाएं फिलहाल वीएनआईटी परिसर में चल रही हैं। स्नातक विद्यार्थी एमबीए कर सकता है। दो साल का यह पाठ्यक्रम 6 सेमिस्टर में पूरा होता है और फीस भी 6 बार में ली जाती है। सभी प्रकार के शुल्क मिलाकर दो साल में 12 लाख 50 हजार रुपए विद्यार्थी से फीस के रूप में लिए जाते हैं। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन आनेवाले आईआईएम नागपुर में अनुसूचित जाति (एससी), जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए फीस में कोई रियायत नहीं है। हर वर्ग के विद्यार्थी के लिए फीस का यही फार्मूला लागू है। संस्थान की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि फीस के निर्धारण का आधार कार्यक्रम के लिए अनुमानित राजस्व व्यय (खर्च) है। फी स्ट्रक्चर संबंधित वेबसाइट पर उपलब्ध है। यहां विद्यार्थी से ट्यूशन फीस, होस्टल एंड फैसिलिटी, एकेडमिक सपोर्ट, वेलफेयर व कॉशन डिपॉजिट लिया जाता है।
पीएम से फीस तर्कसंगत करने की गुहार
आईआईएम की दो साल की सभी प्रकार की फीस काफी ज्यादा है और यह सभी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए वहन करना कठिन है। प्रधानमंत्री, केंद्रीय समाज कल्याण मंत्री व मानव संसाधन विकास मंत्री से फीस को तर्कसंगत बनाने की गुहार लगाई गई है। सरकारी संस्थान की यह फीस निजी संस्थान जैसी है। फीस कम होनी चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी यहां पढ़ सकें। एससी, एसटी, आेबीसी व आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को भी फीस में कोई रियायत नहीं है। निवेदन पर गंभीरता से विचार होने की उम्मीद है। -संजय थुल, आरटीआई एक्टिविस्ट नागपुर
Created On :   12 July 2019 6:07 AM GMT