दशहरा: मरने से पहले रावण ने लक्ष्मण को बताये थे सफलता के ये मंत्र
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लंकापति रावण के बारे में यह तो सभी को ज्ञात है कि वह अहंकारी, दुराचारी और राक्षसों का राजा था। बलशाली और एक पराक्रमी योद्धा भी था। लेकिन इसके साथ ही वह भगवान शिव का परम भक्त था जिसने "शिव तांडव" की रचना की थी। विश्रवा पुत्र रावण देवी सरस्वती का उपासक भी था। जब धरती पर रावण का पाप बढ़कर अंतिम चरण में पहुंचा तो विष्णु ने रामावतार में जन्म लेकर उसका विनाश किया।
जब विद्वान रावण मरणासन्न की स्थिति में था, तब भगवान श्रीराम ने लक्ष्मण से कहा "राजनीति और शक्ति का महान पंडित इस संसार से जा रहा है। तुम उसके पास जाकर उससे जीवन की उन शिक्षाओं को ग्रहण करो जिन्हें किसी दूसरे से प्राप्त नहीं किया जा सकता।" राम के कहने पर लक्ष्मण, मरणासन्न स्थिति में पड़े रावण के सिर के पास जाकर काफी समय तक खड़े रहे लेकिन रावण ने उनसे कुछ नहीं कहा।
इसके बाद जब लक्ष्मण ने राम के पास जाकर उन्हें सारी बात बताई तो राम ने उन्हें बताया कि यदि किसी से ज्ञान प्राप्त करना हो तो उसके सिर के पास नहीं बल्कि उसके चरणों के पास खड़ा होना चाहिए। राम की बात मानते हुए लक्ष्मण वापस रावण के पास गए और उसके पैरों के पास खड़े हुए तो महाज्ञानी लंकाधिपति रावण ने लक्ष्मण को 5 ऐसी बातें बताई जो आपको जीवन में सफलता तक पहुंचा सकती हैं।
रावण के लक्ष्मण को दिये गए उपदेश
- हमें कभी भी अपने शत्रु को खुद से कमजोर नहीं समझना चाहिए, क्योंकि कई बार जिसे हम कमजोर समझते हैं वो अंत में हमसे भी ज्यादा शक्तिशाली साबित होता है।
- हमें कभी भी अपने बल का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। अहंकार हमें मानसिक, भौतिक, सामाजिक, सांसारिक और यहां तक कि आर्थिक रुप से तोड़ देता है।
- हमें हमेशा हमारे शुभचिंतकों की बातें माननी चाहिए क्योंकि वे अपनों के लिए हमेशा अच्छा चाहते हैं।
- हमें शत्रु और मित्र की हमेशा पहचान करना सीखना चाहिए। क्योंकि कई बार हम जिसे हमारा मित्र समझ लेते हैं अंत में वही हमारा शत्रु साबित होता है। वहीं जिसे हम पराया समझते हैं, दरअसल वही हमारा अपना होता है।
- हमें कभी भी किसी पराई स्त्री पर बुरी नज़र नहीं डालनी चाहिए क्योंकि पराई स्त्री और बुरी नज़र डालने वाले व्यक्ति का नाश हो जाता है।
Created On :   7 Oct 2019 2:13 PM IST