Karan Johar B'day: बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं, शाहरुख के लिए कर चुके हैं कास्ट्यूम डिजाइन
डिजिटल डेस्क, मुम्बई। बॉलीवुड के एक्टर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, स्क्रीनराइटर, कास्ट्यूम डियाइनर, टेलीविजन होस्ट करण जौहर अपने आप में एक पैकेज हैं। अपने टैलेंट के चलते कई अवॉर्ड करण ने अपने नाम कर रखे हैं। इसके अलावा भी करण जौहर के पास एक और किताब है, जो उन्हें बॉलीवुड के लोगों ने दिया है। वह है बॉलीवुड गॉपिस किंग। उनका फोन बॉलीवुड गॉसिप्स से भरा हुआ होता है। यही कारण है कि उनका फोन देखने का हक किसी को नहीं हैं। सिर्फ एक्टर रणबीर कपूर ही करण का फोन देख सकते हैं। बॉलीवुड के गॉपिस किंग करण जौहर आज अपना 47 वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनके बर्थडे पर जाने उनके बारे में खास बातें।
करण जौहर इस बार अपना न्यूयॉर्क में मनाने वाले हैं। हर बार की तरह उनके बर्थडे पर इस बार कोई ग्रेंड सेलिब्रेशन नहीं होगा। वे न्यूयॉर्क में शांति से अपना बर्थडे मनाएंगे।
एक निदेशक के तौर पर करण की पहली फिल्म 'कुछ कुछ होता है' थी, जो साल 1998 में आई थी। इस फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ निर्देशक और सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिए फिल्मफेयर अवार्ड्स मिला। उसके बाद 'कभी ख़ुशी कभी ग़म' और 'कभी अलविदा ना कहना' विदेशी बाजार में बहुत सफल रहीं। फिल्म 'माई नेम इज़ खान' (2010) ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए उन्हें दूसरी बार फिल्मफेयर पुरस्कार दिया। साल 2018 में सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए उनकी फिल्म राजी को चुना गया और करण जौहर को फिल्म फेयर अवॉर्ड मिला। इस तरह करण जोहर एक निर्देशक और निर्माता के तौर पर बॉलीवुड में खुद को स्थापित करने में कामयाब रहे।
करण जौहर कई बार शाहरुख खान के लिए कास्ट्यूम डिजाइन कर चुके हैं। उन्होंने फिल्म 'दिल वाले दुल्हनियां ले जाएंगे', 'दिल तो पागल है', 'मैं हूं न', 'मोहब्बतें', 'डुप्लीकेट', 'वीर जारा', 'ओम शांति ओम' जैसी सुपरहिट फिल्मों में शाहरुख के लिए कास्ट्यूम डिजाइन किया था।
करण न्यूमेरोलॉजी को बहुत मानते थे। उनकी हर फिल्म का टाइटल 'k' से शुरु होता है, लेकिन साल 2006 जब उन्होंने 'लगे रहो मुन्ना भाई' देखी, तब उन्होंने अपनी इस सोच को बदल दिया।
बहुत कम लोग जानते हैं कि करण ने अपने फिल्मी कॅरियर की शुरुआत एक अभिनेता के तौर पर की थी। उन्होंने 1989 के दूरदर्शन धारावाहिक 'इंद्रदुष' में श्रीकांत की भूमिका निभाई। वे अपने बचपन में सिनेमा से काफी प्रभावित थे। साथ ही वे अपने पिता यश जौहर, राज कपूर, सूरज आर बड़जात्या से काफी प्रभावित थे। इन्हीं से प्रभावित होकर करण ने डायरेक्शन में हाथ अजमाया। करण जौहर ने सबसे पहले आसिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम किया। उन्होंने फिल्म 'दिल वाले दुल्हिनयां ले जाएंगे' में आदित्य चोपड़ा को असिस्ट किया। इसके बाद उन्होंने खुद के डायरेक्शन में फिल्म 'कुछ कुछ होता है' बनाई।
करण जौहर का जन्म 25 मई 1972 को मुम्बई में हुआ था। करण जौहर डायरेक्टर यश जोहर के बेटे हैं। करण ने मुम्बई के ही ग्रीनलावन्स हाई स्कूल में पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने मुंबई में एचआर कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स में एडिमिशन लिया और आगे की पढ़ाई की। इतना ही नहीं करण ने फ्रेंच में मास्टर्स भी किया है।
Created On :   21 May 2019 12:48 PM IST