B'Day Spl: कुछ ऐसा रहा रणबीर कपूर का फिल्मी सफर, हर किरदार में डाल दी जान
डिजिटल डेस्क, मुम्बई। फिल्म इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने में कपूर खानदान का बहुत बड़ा योगदान है। कपूर खानदान के चौथे वारिस रणबीर कपूर भी आज फिल्म इंडस्ट्री में अपनी अच्छी खासी जगह बना चुके हैं। बॉलीवुड में चॉकलेट ब्वॉय नाम से मशहूर रणबीर आज अपना 37 वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म 28 सितम्बर 1982 को मुम्बई में हुआ था। रणबीर कपूर अभिनेता ऋषि कपूर और अभिनेत्री नीतू कपूर के बेटे हैं। उन्होंने अपने अब तक के फिल्मी कॅरियर में एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दी हैं। आज एक नजर में जानते हैं उनके फिल्मी सफर के बारे में।
इसके बाद बॉम्बे टॉकीज, ये जवानी है दीवानी, बेशरम, भूतनाथ रिटर्न, पीके, रॉय, बॉम्बे वेलवेट, तमाशा, ए दिल है मुश्किल, जग्गा जासूस, संजू। इन सभी फिल्मों में रणबीर ने कमाल कर दिया। फिल्म संजू में तो उन्होंने संजय दत्त का किरदार इतना बखूबी निभाया है कि लोग उनकी तारीफ करने से खुद को रोक नहीं सके। इन्हीं फिल्मों के चलते रणबीर फिल्म इंडस्ट्री में खुद की एक अलग पहचान बनाने में कामयाब रहे।
रणबीर की फिल्मों की बात हो तो फिल्म रॉकस्टार को कैसे भुलाया जा सकता है। ‘रॉकस्टार’ में रणबीर ने साबित कर दिया की उनका सानी कोई नहीं। रणबीर जितने पैशन के साथ अभिनय करते हैं, उतने ही पैशन के साथ रणबीर एक जुनूनी लवर भी है, जिसे अपनी मंजिल पाने से कोई नहीं रोक सकता। इतना ही नहीं फिल्म ‘बर्फी’ में रणबीर ने अपने अभिनय से सबका मुंह बंद कर दिया था। इस फिल्म को देखने के बाद लगा कि रणबीर को एक्टिंग विरासत में मिली है।
रणबीर का कारवां यहीं नहीं थमा। फिल्म 'राजनीति' में तो रणबीर कपूर ने कमाल ही कर दिया। समर प्रताप के किरदार में सभी ने रणबीर की बहुत तारीफ की। विदेश से पढ़कर आने के बाद भी समर प्रताप भारतीय राजनीति में इस तरह से रमा कि किसी को विश्वास ही नहीं हुआ कि यह वही रणबीर है जो कभी मंदबुद्धि की, कभी लेजी ब्वॉय की, तो कभी युवा प्रेमी की भूमिका में नजर आता है। युवा राजनेता के रूप में अपने गंभीर किरदार से रणबीर ने इस फिल्म में जान डाल दी। इसके बाद भी रणबीर रूके नहीं बल्कि बच्चों को खुश करने के लिए ‘चिल्लर पार्टी’ में ‘टॉय टॉय फिश’ गाने पर थिरकते भी दिखे।
'रॉकेटसिंह: सेल्समैन ऑफ द ईयर' साल 2009 में रिलीज हुई थी। फिल्म में रणबीर ने एक मंदबुद्धि लेकिन अपनी पेरशानियों से खुद लडऩे वाले इंसान की भूमिका निभाई, जो अपनी परेशानियों से खुद लड़ने की क्षमता रखता है। रणबीर को लगातार 'वेक अप सिड', 'अजब प्रेम की गजब कहानी' और 'रॉकेट सिंह' में उनकी परफॉर्मेंस के लिए फिल्म फेयर क्रिटिक अवार्ड से नवाजा गया। इन फिल्मों के बाद सबकी जुबां पर रणबीर का नाम चढ़ गया।
इसके बाद साल 2009 में रणबीर फिल्म 'अजब प्रेम की गजब कहानी' में नजर आए। हैप्पी क्लब के अध्यक्ष रूप में रणबीर जितने कूल दिखे, उतने ही मासूम दिखार्ई पड़े। रणबीर के साथ इस फिल्म में कटरीना थीं। इस फिल्म के लिए भी एक बार फिर रणबीर का सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में नामांकन हुआ।
इसके बाद रणबीर फिल्म 'वेक अप सिड' में नजर आए। इस फिल्म में उन्होंने एक बिगड़ेल कॉलेज स्टूडेंट का किरदार निभाया था, जो अपने पिता का घर छोड़ जिंदगी में कुछ हासिल करने के लिए स्ट्रगल करता है। इस फिल्म से रणबीर न सिर्फ युवाओं की पहली पंसद बने बल्कि इस फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में उनका नामांकन भी किया गया।
साल 2008 में रणबीर फिल्म 'बचना-ए-हसीनों' में नजर आए थे। इस फिल्म का टाइटल ट्रेक लड़कियों में काफी हिट हुआ। लड़कियां भी रणबीर का इंतजार करने लगी कि कब वह 'बचना-ए-हसीनों' गाते हुए उनके बीच आ जाए। इस फिल्म में रणबीर एक प्लेबॉय की भूमिका में थी, लेकिन जब उन्हें प्यार का असली मतलब समझ आता है। तब वे अपने प्यार को पाने के लिए हर संबंध प्रयास करते हैं। वे अपने प्यार को मनाने के लिए कभी नौकर बनते हैं, कभी वेटर। इस फिल्म के बाद रणबीर ने फिल्म 'लक बॉय चांस' में कैमियो किया था।
रणबीर कपूर ने अपने कॅरियर की शुरुआत साल 2007 में फिल्म 'सांवरिया' से की थी। इस फिल्म में उन्होंने ऐसे किरदार को निभाया था, जो खुले आम जीना पसंद करता है। वह सही गलत के बारे में बात करने से नहीं हिचकिचाता। एक ऐसा प्रेमी जो अपने प्यार का खुलेआम इजहार करने से भी नहीं डरता लेकिन वहीं अपने प्यार को बदनाम होने से बचाने के लिए हर मर्यादा का भी ख्याल रखता है।
Created On :   26 Sept 2019 12:14 PM IST