मिशन मंगल रिव्यू: अक्षय की एक्टिंग और पंचलाइन है कमाल, सभी एक्टर्स ने की है दमदार एक्टिंग
डिजिटल डेस्क, मुम्ब्ई। अक्षय कुमार स्टारर फिल्म मिशन मंगल आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। राखी और आजादी के दिन मिशन मंगल जैसी फिल्मों का रिलीज होना फीलगुड वाली फीलिंग है। इस फिल्म में अक्षय के अलावा तापसी पन्नू, विद्या बालन, सोनाक्षी सिन्हा, कीर्ति कुल्हाड़ी, नित्या मेनन, शरमन जोशी हैं। फिल्म की कहानी इसरो के मार्स प्रॉजेक्ट पर आधारित है, जब 24 सितंबर 2014 को इसरो (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन) की कई महिला साइंटिस्टों ने मंगल गृह की कक्षा में सैटलाइट लॉन्च किया था। इसके बाद भारत विश्वभर में पहला ऐसा देश बना, जो काफी कम बजट में अपने पहले ही प्रयास में इस मिशन में सफल रहा। इस फिल्म का निर्देशन जगन शक्ति द्वारा किया गया है।
यह फिल्म 2010 से शुरु होती है, जहां इसरो का जाना-माना साइंटिस्ट और मिशन डायरेक्टर राकेश धवन (अक्षय कुमार) इसरो की ही साइंटिस्ट और प्रॉजेक्ट डायरेक्टर तारा शिंदे (विद्या बालन) के साथ मिलकर एक जीएसएलवी सी-39 नामक मिशन के अंतर्गत एक रॉकेट लॉन्च करता है, मगर दुर्भाग्य से उनका मिशन नाकाम साबित होता है। खामियाजे के फलस्वरूप राकेश को इसरो के खटाई में पड़े मार्स प्रॉजेक्ट वाले विभाग में भेज दिया जाता है। वहां होमसाइंस के नियम से तारा को मिशन मंगल का आइडिया सूझता है। यही से शुरू होती है फिल्म की असली कहानी।
इस मिशन को लेकर राकेश की जिद और कमिटमेंट पर उसे ऐका गांधी (सोनाक्षी सिन्हा), कृतिका अग्रवाल (तापसी पन्नू), वर्षा पिल्ले (नित्या मेनन), परमेश्वर नायडू (शरमन जोशी) और एचजी दत्तात्रेय (अनंत अय्यर) जैसे नौसिखिए साइंटिस्टों की टीम दी जाती है। सभी को इस काम में जुटने के लिए प्रेरित किया जाता है।
निर्देशन की बात करें तो यह फिल्म जगन शक्ति की डेब्यू फिल्म है। इस बात में कोई शक नहीं कि उन्होंने इस ऐतहासिक घटना को बहुत ही खूबसूरती से पर्दे पर उतारा। वे दर्शकों को जो मैसेज और फील देना चाहते थे। वह उन्होंने बहुत ही खूबसूरती से दिया है। निर्देशक ने होमसाइंस और दूसरे साइंटिफिक तथ्यों के आधार पर मंगलयान मिशन के सफर को समझाने की कोशिश की है।
टेक्नीकल आस्पेक्ट की बात करें तो स्पेशल इफेक्ट्स के मामले में वह कमजोर साबित हुए हैं। वीएफएक्स इफेक्ट्स दमदार होते तो स्पेस वाले दृश्य बेहतरीन बन सकते थे। क्रिस्प कहानी, प्रभावशाली बैकग्राउंड स्कोर और बांधकर रखनेवाला क्लाईमैक्स फिल्म के प्लस पॉइंट हैं। मगर फिल्म के अंत में पीएम की एंट्री और उनकी कॉमेंट्री की जरूरत नहीं थी। सभी कलाकरों का अभिनय फिल्म को दर्शनीय बनाता है।
राकेश धवन के रोल में अक्षय कुमार बहुत कमाल लग रहे हैं। उनके वन लाइनर्स पर दर्शक न केवल मुस्कुराते हैं बल्कि तालियां भी पीटते हैं। अभिनेत्री के रूप विद्या बालन हमेशा की तरह अपने जादू को जगाने में कामयाब रही हैं। उन्होंने एक साइंटिस्ट और एक आम मां व बीवी की भूमिका को खूबसूरती से पर्दे पर उतारा है। वहीं अन्य सितारे भी फिल्म में कमाल लग रहे हैं। फिल्म बहुत ही खूबसूरत और शानदार है। यह आपके हॉलीडे को सफल बनाने वाली फिल्म साबित हो सकती है।
Created On :   15 Aug 2019 12:09 PM IST