ऋषियों के स्मरण तथा पूजा और समर्पण का पर्व है रक्षाबंधन : मंत्री डॉ. मिश्रा संस्कृत सप्ताह की अनन्त शुभकामनाएँ!

अनन्त शुभकामनाएँ! ऋषियों के स्मरण तथा पूजा और समर्पण का पर्व है रक्षाबंधन : मंत्री डॉ. मिश्रा संस्कृत सप्ताह की अनन्त शुभकामनाएँ!

Bhaskar Hindi
Update: 2021-08-23 10:46 GMT

डिजिटल डेस्क | शहडोल गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने प्रदेश एवं देशवासियों को रक्षाबंधन पर्व पर बधाईयाँ दी है। उन्होंने सभी को संस्कृत सप्ताह की अनंत शुभकामनाएँ भी प्रेषित की हैं। उन्होंने बताया है कि भारत में प्रतिवर्ष श्रावणी पूर्णिमा के पावन अवसर को संस्कृत दिवस के रूप में मनाया जाता है। श्रावणी पूर्णिमा अर्थात् रक्षाबन्धन ऋषियों के स्मरण, पूजा और समर्पण का पर्व माना जाता है। डॉ. मिश्रा ने कहा है कि सावन मास की पूर्णिमा को वैदिक साहित्य में श्रावणी कहा जाता था। इसी दिन गुरुकुलों में वेदाध्ययन कराने से पहले यज्ञोपवीत धारण कराया जाता है।

ऋषि ही संस्कृत साहित्य के आदि स्रोत हैं, इसलिए श्रावणी पूर्णिमा को ऋषि पर्व और संस्कृत दिवस के रूप में मनाया जाता है। राज्य तथा जिला स्तरों पर संस्कृत दिवस आयोजित किए जाते हैं।

इस अवसर पर संस्कृत कवि सम्मेलन, लेखक गोष्ठी, छात्रों की भाषण तथा श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता आदि का आयोजन किया जाता है, जिसके माध्यम से संस्कृत के विद्यार्थियों, कवियों तथा लेखकों को उचित मंच प्राप्त होता है। डॉ. मिश्रा ने बताया कि सन् 1969 में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के आदेशानुसार केन्द्रीय तथा राज्य स्तर पर संस्कृत दिवस मनाया जाता है। विदेश में भी संस्कृत उत्सव बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।

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