Shahdol News: कर्नाटक में 6 हजार हाथी, मानव-वन्यप्राणी द्वंद्व रोकने कैसे सफल

  • मध्यप्रदेश से भेजी गई 15 सदस्यीय टीम ने जाना बेहतर प्रबंधन के उपाय
  • मध्यप्रदेश में हाथियों की संख्या बढ़ रही है तो उसके लिए क्या कदम उठाए जाएं।
  • सतत निगरानी के लिए अलग-अलग तरकीब अपनाई जा रही है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-25 08:53 GMT

Shahdol News: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 29 से 31 अक्टूबर के बीच 10 जंगली हाथियों की मौत के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने हाथियों के बेहतर प्रबंधन के लिए ठोस नीति बनाने का फैसला किया है। इसके लिए वन अधिकारियों की टीम कर्नाटक में जाकर यह देख रही है कि वहां 6 हजार से ज्यादा हाथियों का प्रबंधन कैसे हो रहा है।

वन्यप्राणी-मानव द्वंद्व रोकने के लिए क्या उपाय अपनाए जा रहे हैं। इसके लिए मध्यप्रदेश से भेजी गई 15 सदस्यीय पहली टीम रविवार को वापस लौटी। टीम के सदस्यों ने बारीकी से अध्ययन किया कि मध्यप्रदेश में हाथियों की संख्या बढ़ रही है तो उसके लिए क्या कदम उठाए जाएं।

हाथियों को आबादी से दूर रखने का प्रबंधन जाना-

टीम में शामिल अधिकारियों ने बताया कि कर्नाटक में आबादी से पहले हाथियों को रोकने के लिए रेलवे की पटरी की बाड़ लगाई गई है। कई स्थानों पर सोलर से झटका तार का बाड़ लगाकर हाथियों को रोका जा रहा है। सतत निगरानी के लिए अलग-अलग तरकीब अपनाई जा रही है।

15 सदस्यीय पहली टीम में ये रहे शामिल-

संजय टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर अमित दुबे, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से डिप्टी डायरेक्टर पीके वर्मा, मंडला से आईएफएस निथियालंथम, उमरिया से विवेक सिंह, बीटीआर से एडी सोनम उइके, एसटीआर से वाइल्डलाइफ हेल्थ ऑफीसर अभय सेंगर, कान्हा से संदीप अग्रवाल, शहडोल नार्थ से आर धुर्वे, मंडला से एसडीओ मुकेश पटेल, कान्हा से सैय्यद मोहम्मद ओबेदुल्ला, मंडला से अजय कुमार, बीटीआर से दीपक राज, नार्थ शहडोल से रेंजर रजनीश त्रिपाठी, सीधी से विनय कुमार गौतम व उमरिया से सचिन सिंह।

पहली टीम के यहां पहुंचते ही बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर अनुपम सहाय के नेतृत्व में 20 सदस्यीय रविवार को कर्नाटक रवाना हुई। इसमें शामिल अधिकारी 30 नवंबर तक कर्नाटक में रहेंगे।

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