Shahdol News: आपदाओं के समय बढ़ जाती है अस्पतालों की जिम्मेदारी

  • मेडिकल कॉलेज में आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यशाला में दुर्घटना से बचाव के बताए गए उपाए
  • अस्पताल को सुरक्षित रखने हेतु बनाए गए प्लान की जानकारी भी उपलब्ध कराई गई।
  • आपदा प्रबंधन में विभिन्न विभागों के बीच सही समन्वय हो और विषम परिस्थितियों से सुगमता से निपटा जा सके।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-22 08:46 GMT

Shahdol News: बिरसा मुंडा शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के अस्पताल परिसर में आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण में मुख्य रूप से आग, भूकंप, कैमिकल आपदा, बाढ़ आपदा प्रबंधन इत्यादि की विस्तृत जानकारी दी गई। आगजनी की घटनाओं और उनके रोकथाम को लेकर चर्चा की गई। अस्पताल को सुरक्षित रखने हेतु बनाए गए प्लान की जानकारी भी उपलब्ध कराई गई।

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए अस्पताल अधिक्षक डॉ. नागेंद्र सिंह ने कहा कि विभिन्न संस्थानों में सदैव विभिन्न प्रकार की आपदाओं का खतरा रहता है, इसलिए तैयारी उसी के अनुसार अलग-अलग होनी चाहिए। उन्होंने आग से होने वाली जनहानि के बारे में जानकारी दी तथा बताया कि कोयला खदान तथा फैक्ट्रियों की वजह से बाहरी आपदा का जोखिम सदैव बना रहता है। किसी भी इकाई से उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति के लिए एहतियाती उपायों की तैयारी बनाए रखना जरूरी है।

अस्पताल प्रबंधक डॉ. साबिर खान ने बताया कि आपदा आंतरिक एवं बाहरी हो सकती है। दोनों ही परिस्थिति में अस्पताल की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। इस अवसर पर डॉ. अवतार सिंघानी ने अस्पताल आपदा प्रबंधन में विभिन्न चुनौतियों और आयामों से चिकित्सक तथा स्टाफ को अवगत कराया। अधिष्ठाता डॉ. जीबी रामटेके के मार्गदर्शन में आयोजित हुए प्रशिक्षण में चिकित्सा अधिकारियों, नर्सिंग स्टाफ एवं अन्य हॉस्पिटल कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। डॉ. मधु सौरभ एवं अन्य वरिष्ठ चिकित्सा शिक्षक भी मौजूद रहे।

प्रति गुरुवार आपदा प्रबंधन का अभ्यास

संभावित आपदा से उत्पन्न परिदृश्य का अनुकरण कर इसकी तैयारियों और प्रभावशीलता का परीक्षण कर अस्पताल प्रबंधन द्वारा प्रति गुरुवार इस तरह के आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित किया जाता है, ताकि आपदा प्रबंधन में विभिन्न विभागों के बीच सही समन्वय हो और विषम परिस्थितियों से सुगमता से निपटा जा सके।

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