Shahdol News: बांधवगढ़ में 11 हाथियों की मौत के बाद भी मॉनीटरिंग कामचलाऊ
- बमेरा पहुंचा पांच जंगली हाथियों का दल तो ग्रामीणों को पहले से नहीं मिली सूचना
- बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में वर्तमान में 60 से ज्यादा जंगली हाथी हैं।
- आखेटपुर में 18 जंगली हाथियों ने रात के 9 बजे तीन घरों को नुकसान पहुंचाया था।
Shahdol News: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 29 से 31 अक्टूबर के बीच 10 और 8 नवंबर को 3 माह के 11वें हाथी की मौत के बाद भी मॉनीटरिंग की व्यवस्था कामचलाऊ है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 20 नवंबर की शाम 7 बजे 5 जंगली हाथियों का दल बमेरा गांव पहुंचा तो उनके गांव पहुंचने से पहले वन विभाग द्वारा किसी भी ग्रामीण को पहले से सूचना नहीं दी गई।
यह स्थिति तब है जब टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर अनुपम सहाय दावा करते हैं कि हाथियों की मौत की घटना के बाद टाइगर रिजर्व में मॉनीटरिंग बेहतर हुई है। बमेरा के ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों के आगे-पीछे वन विभाग की कोई टीम नजर नहीं आई।
पहले ऐसी थी मॉनीटरिंग की व्यवस्था
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सितंबर 2018 में हाथी पहली बार पहुंचे तो कुछ ही महीने बाद मॉनीटरिंग की जो व्यवस्था व्यवस्था लागू की गई थी उसमें एक से दो कर्मचारी हाथियों के पीछे चलते थे। रेंज की सीमा बदलते ही ये कर्मचारी बदल जाते थे। हाथियों का समूह किसी गांव की ओर बढ़े इससे पहले ही ताला कंट्रोलरूम को सूचित किया जाता था। यहां से विशेष दस्ता गांव पहुंचकर हाथियों को गांव में घुसने से रोक देता था।
गांव में अचानक हाथी देख डर गए ग्रामीण
बमेरा के ग्रामीणों ने बताया कि अचानक पांच जंगली हाथी गांव के समीप देखकर ग्रामीण डर गए। गनीमत रही कि वे गांव के किनारे से बगैहा की ओर बढ़ गए, किसी भी ग्रामीण को नुकसान नहीं पहुंचाया। इससे पहले भी जिन 10 हाथियों की मौत हुई थी वे इसी मार्ग से सलखनिया गांव की ओर गए थे।
60 से ज्यादा हाथी, बांधवगढ़ शहडोल से संजय टाइगर रिजर्व तक मूवमेंट
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में वर्तमान में 60 से ज्यादा जंगली हाथी हैं। इनका मूवमेंट बांधवगढ़ से शहडोल जिले के साथ ही संजय टाइगर रिजर्व तक है। 15 नवंबर को शहडोल जिले के आखेटपुर में 18 जंगली हाथियों ने रात के 9 बजे तीन घरों को नुकसान पहुंचाया था। घर पर रखे अनाज को खा गए, बाड़ी में केला और खेत में धान की फसल को नुकसान पहुंचाया।