कोविड संकट में चिकित्सक धर्म मानकर अपने कर्त्तव्य का पालन कर रहे डॉ. अंकित जयसवाल "खुशियों की दास्‍तां"!

कोविड संकट में चिकित्सक धर्म मानकर अपने कर्त्तव्य का पालन कर रहे डॉ. अंकित जयसवाल "खुशियों की दास्‍तां"!

Bhaskar Hindi
Update: 2021-05-21 09:07 GMT

डिजिटल डेस्क | मण्डला कोरोना संकट में जिला चिकित्सालय मंडला में आईपीडी, ओपीडी एवं कोविड-19 वार्ड में डॉक्टर अंकित जयसवाल पूरी लगन निष्ठा से सेवाएं दे रहे हैं। डॉक्टर अंकित जयसवाल का कहना है कि मैं अपने कार्यों का निर्वहन अपने परिवारिक दायित्वों को निभाते हुए पूरी ईमानदारी और निष्ठा से कर रहा हूं। एक चिकित्सक होने के नाते मरीजों को स्वास्थ्य लाभ होना ही मेरी पहली प्राथमिकता है। मरीजों के हित के लिए जो भी करना पड़े इसके लिए मैं हर तरह से तैयार हूं और मुझे खुशी है कि इस आपदा की स्थिति में एक चिकित्सक के रूप में पीड़ितों के काम आ रहा हूं एवं उनकी जान बचाने में सहयोग कर रहा हूं। पीड़ित मानवता की सेवा करना ही मेरा धर्म है।

जिला चिकित्सालय में फेफड़े के संक्रमण वाले मरीज आते हैं, इलाज लेकर ठीक होकर खुशी-खुशी घर जाते हैं। मैं कोविड संक्रमित मरीज को दवाइयां दी, जांच, उपचार तथा मनोबल बढ़ाने का कार्य भी करता हूं। डॉ. जयसवाल ने बताया कि जनवरी 21 में मेरे पिताजी की कोरोना से मृत्यु हो गई थी। उनके देहांत के बाद घर की पूरी जिम्मेदारी मुझ पर आ गई है। अपनी ड्यूटी के साथ पूरे परिवार का ख्याल रखता हूं। कोरोना के खतरे को ध्यान में रखते हुए लगभग 1 माह से घर पर नहीं रहता हूं, एक या 2 घंटे के लिए जाता हूं। कोरोना से स्वयं को एवं परिवार को बचाना है, परिवार के सभी लोग संक्रमित भी हो चुके हैं। मैं कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा पालन करता हूँ। घर में बुजुर्ग एवं छोटे बच्चे हैं। दादी 88 वर्ष की है एवं मेरी मां 58 वर्ष तथा 2 वर्ष का छोटा बच्चा भी है। जिले लोगों से अपील करना चाहता हूं कि अपना एवं अपने परिवार का ख्याल रखें, कम से कम बाहर निकलें, इस बीमारी से बचने का संपूर्ण संभव प्रयास करते रहें।

Tags:    

Similar News